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देहरादून में गर्मी ने पांच साल का रिकार्ड छुआ, धुएं ने बढ़ाईं मुश्किलें  

देहरादून में तापमान ने पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बीते मंगलवार को तापमान अधिकतम 40.7 डिग्री रहा। आखिरी बार 2013 में दून का तापमान 40.7 डिग्री ही रहा था। उधर, अगले कुछ दिन गर्म हवाओं...

देहरादून में गर्मी ने पांच साल का रिकार्ड छुआ, धुएं ने बढ़ाईं मुश्किलें  
देहरादून, कार्यालय संवाददाता Wed, 23 May 2018 12:32 PM
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देहरादून में तापमान ने पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बीते मंगलवार को तापमान अधिकतम 40.7 डिग्री रहा। आखिरी बार 2013 में दून का तापमान 40.7 डिग्री ही रहा था। उधर, अगले कुछ दिन गर्म हवाओं को झेलना पड़ सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले चार दिन (लू) गर्म हवायें चलने की चेतावनी जारी की है। 

मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले कुछ दिन तापमान में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। वहीं धुआं स्थिति और खराब करेगा। अभी बारिश की भी कोई संभावना नहीं दिख रही है। अगले चार दिन गर्म हवायें दून स्थित अधिकांश मैदानी इलाकों में 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से चल सकती हैं। गर्म हवाओं की चपेट में आकर स्वास्थ्य खराब हो सकता है। गौरतलब है कि मंगलवार को देहरादून में दर्ज किया गया 40.7 डिग्री अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक था। हालांकि न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री दर्ज किया गया जो सामान्य है।

दून घाटी में धुएं ने बढ़ाईं मुश्किलें  

जंगलों में लगी आग से दून घाटी में धुंध भर गई है। दून शहर में सुबह के वक्त धुआं-धुआं नजर आया। शहर के बाहरी इलाके में सुबह के वक्त धुएं की वजह से बिजिविलिटी भी काफी कम थी। जंगलों की आग से निकला धुआं पूर्वी दिशा से बही हवा के चलते राजधानी पहुंच गया। वहीं, शहर के आसपास के गांवों में गेहूं की फसल कटने के बाद नई फसल के लिये बड़े पैमाने पर लगाई गई आग ने स्थिति को और खतरनाक बना दिया। पूर्वी दिशाओं से चली गर्म हवाओं के चलते गढ़वाल क्षेत्र से धुआं राजधानी तक पहुंच गया। मंगलवार सुबह शहर धुएं की चपेट में आ गया था। ऊंची इमारतों से ‘स्मोक लाइन’ साफ देखी गई। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह बताते हैं कि धुएं से तापमान में बढ़ोतरी होती है। धुएं में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड स्वास्थ्य के लिये भी बहुत खतरनाक साबित हो सकती है। 

घातक एलर्जी भी हो सकती है धुएं से 

राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के छाती रोग विभाग के अध्यक्ष डा. रामेश्वर पांडे बताते हैं कि बारिश के बाद अक्सर वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार होता है। वर्षा धूलकणों को साफ करने में मदद करती है। हालांकि धुआं वर्षा से शायद ही प्रभावित होता है। डॉक्टरों का कहना है कि प्रदूषण और धूल के बढ़ने की वजह से लोगों को सांस लेने में परेशानी और एलर्जी की समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके चलते मरीजों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुशील ओझ़ा ने बताया कि धुएं से आंखों में संक्रमण भी होता है। डॉक्टरों का कहना है कि बाहर निकलने से पहले हमेशा अपने साथ पानी की बोतल रखें और थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें। दिन में खाली पेट बाहर नहीं निकलें। घर से निकलने के पहले कुछ खाकर निकलें। धूप में कम से कम निकलने की कोशिश करें। अगर निकलना जरूरी है तो छाता जरूर लेकर चलें। पानी में ग्लूकोज मिलाकर पीते रहना चाहिए।

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