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दून रीजन में बिना परीक्षा दिए छात्रों की बल्ले-बल्ले

कोरोना की वजह से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो सकीं। सीबीएसई ने विशेषज्ञों से 40, 30, 30 का फॉर्मूला तैयार कराया और सख्ती से इसे फॉलो किया गया।...

दून रीजन में बिना परीक्षा दिए छात्रों की बल्ले-बल्ले
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनSat, 31 Jul 2021 03:00 AM
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देहरादून। कार्यालय संवाददाता

कोरोना की वजह से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो सकीं। सीबीएसई ने विशेषज्ञों से 40, 30, 30 का फॉर्मूला तैयार कराया और सख्ती से इसे फॉलो किया गया। पोर्टल पर ऐसी पारदर्शिता थी कि कई गड़बड़ियां पकड़ी गईं। परीक्षा के बिना इस साल छात्रों की बल्ले-बल्ले रही। दून रीजन में रिजल्ट में 15.42 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। साल 2019-20 में जहां दून रीजन के स्कूलों के रिजल्ट में 9.65 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। 2020 में 83.22 प्रतिशत रिजल्ट रहा था। इस साल बिना परीक्षा रिजल्ट 98.64 रहा, जो एक साल में 15.42 फीसदी बढ़ा है।

पिछली परीक्षाओं में अच्छे प्रदर्शन का ईनाम

सीबीएसई ने हाईस्कूल में 40, 11वीं में 30 और इंटर प्री-बोर्ड एवं प्रोजेक्ट के 30 फीसदी अंकों का फॉर्मूला बनाया था। रिजल्ट उन्हीं छात्रों का बेहतर रहा, जो पिछली परीक्षाओं में अच्छा प्रदर्शन करते रहे।

छात्र रिजल्ट से खुश

रिजल्ट से छात्र बेहद खुश हैं। एशियन स्कूल की वंशिका एरन ने 97.2 फीसदी अंक हासिल किए हैं। पिता हिमांशु एरन ईपीएफओ में कार्यरत हैं। वंशिका कहती हैं कि वे साइकोलॉजी में करियर बनाना चाहती हैं। एशियन स्कूल के ही यश मिश्रा ने 96.6 प्रतिशत अंक हासिल किए। वह साइंस स्ट्रीम से थे। जेईई में जाना उनका सपना है। उधर, केवी ओएनजीसी की शुभांगी बत्रा ने 95.2 फीसदी अंक पाए। उनकी मां पूजा बत्रा सरकारी स्कूल में शिक्षिका हैं और पिता गोपाल कृष्ण बत्रा केंद्र की नौकरी कर रहे हैं। शुभांगी का सपना आईएएस बनना है। वे कहती हैं कि अगर परीक्षा होती तो परिणाम इससे बेहतर होता। एशियन स्कूल की प्रिंसिपल रुचि प्रधान दत्ता कहती हैं कि ऑनेस्टी इज द बेस्ट पॉलिसी यानि ईमानदारी से किया गया काम जरूर रंग लाता है। छात्रों ने 10, 11वीं और 12वीं के प्री-बोर्ड में बेहतर प्रदर्शन किया था।

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