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सरकार के करारे जवाब से कर्मचारी नाराज

नये सिरे से आंदोलन की तैयार होगी रुपरेखा, अब सरकार को ज्यादा लंबा समय देने के मूड में नहीं कर्मचारी, एक जून को हरिद्वार में होने वाली बैठक में नये सिरे से तय होगा...

सरकार के करारे जवाब से कर्मचारी नाराज
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनWed, 23 May 2018 05:30 PM
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नए सिरे से आंदोलन की तैयार होगी रुपरेखा, अब सरकार को ज्यादा लंबा समय देने के मूड में नहीं कर्मचारी, एक जून को हरिद्वार में होने वाली बैठक में नये सिरे से तय होगा कार्यक्रम

सरकार की ओर से मिले करारे जवाब ने उत्तराखंड कार्मिक, शिक्षक, आउटसोर्स संयुक्त मोर्चा को नए सिरे से आंदोलन की रणनीति तैयार किए जाने को मजबूर कर दिया है। सरकार की ओर से एक तरह से साफ कर दिया गया है कि उनकी मांगों को लेकर सरकार बहुत अधिक गंभीर नहीं है। ऐसे में अब कर्मचारी सरकार को बहुत ज्यादा समय देने के मूड में नहीं है।

मोर्चा की हरिद्वार में एक जून को होने वाली गढ़वाल मंडल की बैठक में आंदोलन का नए सिरे से खाका तैयार किया जाएगा। इसमें 29 जून को दून में होने वाली महाआक्रोश रैली को रिशिड्यूल किए जाने के साथ ही आंदोलन, धरने, प्रदर्शनों को तेज किया जाएगा। मुख्य सचिव की बैठक के जारी कार्यवृत में दिए गए झटके को कर्मचारियों ने गंभीरता से लिया है।

मोर्चा पदाधिकारियों पर भी कर्मचारी संगठनों का आंदोलन तेज किए जाने को लेकर दबाव बढ़ रहा है। कर्मचारियों ने मुख्य सचिव की बैठक के कार्यवृत्त को सिरे से खारिज कर दिया है। मोर्चा के मुख्य संयोजक ठाकुर प्रहलाद सिंह व संयोजक सचिव रवि पचौरी ने कहा कि सरकार बेवजह का तनाव बढ़ा रही है। बैठक में मुख्य सचिव की ओर से जो आश्वासन दिए गए, वो कार्यवृत में सिरे से गायब है। ऐसे में सरकार किस मुंह से कर्मचारियों से आंदोलन समाप्त करने की मांग कर रही है। कहा कि एक जून की बैठक में आंदोलन की नई रणनीति तैयार होगी।

गर्मियों में बिजली, पानी का झटका देने की तैयारी

संयुक्त मोर्चा में राज्य के सभी बिजली व पेयजल कर्मचारी भी शामिल हैं। ऐसे में सरकार को गर्मियों के समय बिजली, पानी को लेकर बड़ा झटका देने की तैयारी की जा रही है। पहले ही बिजली, पानी की सप्लाई बाधित है। ऐसे में इस तनाव भरे माहौल में बिजली, पानी से जुड़े कर्मचारी आंदोलन पर जाते हैं, तो सरकार के लिए दिक्कत होगी।

उपनल कर्मचारियों में आक्रोश

सरकार के सख्त रुख से सबसे अधिक गुस्से में उपनल कर्मचारी हैं। क्योंकि कार्यवृत में एक तरह से उपनल, संविदा, आउटसोर्स कर्मचारियों के दावे को सिरे से खारिज कर दिया गया है। कर्मचारी समान काम का समान वेतन व नियमितीकरण का लाभ देने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश को लागू कराने व मुख्य सचिव के आदेश को निरस्त किए जाने को लेकर दबाव बनाए हुए हैं। संविदा कर्मचारियों ने मोर्चा पदाधिकारियों पर आंदोलन को आक्रामक बनाने को लेकर दबाव तेज कर दिया है। साथ ही साफ कर दिया है कि यदि मोर्चा का रवैया सुस्त रहेगा, तो संविदा कर्मचारी सीधे मोर्चा खोल देंगे।

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