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Exclusive : उत्तराखंड में टीचर बनना अब आसान नहीं, कड़े होंगे मानक

उत्तराखंड के अशासकीय (सरकारी मान्यता प्राप्त) स्कूलों में शिक्षक भर्ती के मानकों को सरकार और कड़ा करने जा रही है। अगर यूं कि उत्तराखंड में शिक्षक बनने के लिए अग्नी परीक्षा जैसी प्रक्रिया से गुजरना...

Exclusive : उत्तराखंड में टीचर बनना अब आसान नहीं, कड़े होंगे मानक
देहरादून, चंद्रशेखर बुड़ाकोटीWed, 18 Oct 2017 11:30 AM
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उत्तराखंड के अशासकीय (सरकारी मान्यता प्राप्त) स्कूलों में शिक्षक भर्ती के मानकों को सरकार और कड़ा करने जा रही है। अगर यूं कि उत्तराखंड में शिक्षक बनने के लिए अग्नी परीक्षा जैसी प्रक्रिया से गुजरना होगा तो इसमें बुराई नहीं होगी।

सूत्रों के अनुसार नई व्यवस्था में आवेदक के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के शैक्षिक प्रदर्शन को भी शामिल किया जाएगा और विषय विशेष में प्रदर्शन को भी प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही पूर्व में बीएड और टीईटी के अंकों को दी गई अतिरिक्त वरीयता को भी कुछ कम किया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने इस दिशा में कसरत शुरू कर दी। सरकार ने 25 फरवरी 2017 को भर्ती के मानक संशोधित किए थे।

इन मानकों में चयन की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया गया था। बीएड और टीईटी के अंकों को काफी वरीयता दी गई। पर, विभागीय स्तर पर अधिकारी इससे सहमत नहीं थे। उनका मानना है कि केवल बीएड और टीईटी को ही प्रमुखता नहीं दी जानी चाहिए। बल्कि आवेदक का संपूर्ण शैक्षिक प्रदर्शन जांचा जाना चाहिए।मानक संशोधित होने के कुछ समय बाद नियुक्तियों में धांधली की शिकायत मिलने पर 13 मई 2017 को सरकार ने भर्तियों पर रोक लगा दी थी। इस हफ्ते हाईकोर्ट ने रोक हटाते हुए सरकार को नियुक्तियां शुरू करने को कहा है।

इतने पद हैं रिक्त 

श्रेणी                 पद        रिक्त
प्रधानाचार्य        318      125
एलटी शिक्षक     3200    1500
प्रवक्ता शिक्षक    1900     500
लिपिक             800       150 

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