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अलर्ट! देहरादून में स्वाइन फ्लू से दो और मौतें, इस वजह से फैल रही बीमारी

देहरादून जिले में स्वाइन फ्लू ने दो और लोगों की जान ले ली। जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग महिला और महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग की मौत की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की...

अलर्ट! देहरादून में स्वाइन फ्लू से दो और मौतें, इस वजह से फैल रही बीमारी
देहरादून, लाइव हिन्दुस्तानWed, 19 Jul 2017 11:22 AM
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देहरादून जिले में स्वाइन फ्लू ने दो और लोगों की जान ले ली। जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग महिला और महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती बुजुर्ग की मौत की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है।

इस साल अब तक स्वाइन फ्लू से छह मौतें हो चुकी हैं। ऋषिकेश की रहने वाली 82 वर्षीय महिला को कुछ दिन पहले जौलीग्रांट हिमालयन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। स्वास्थ्य विभाग ने महिला के खून के सैंपल जांच के लिए दिल्ली एनसीडीसी लैब भेजे। जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई। हालांकि, स्वाइन फ्लू होने से पहले ही महिला की तबीयत ठीक नहीं थी। ऐसे में स्वाइन फ्लू के बाद महिला की हालत और बिगड़ गई।

सोमवार देररात महिला की मौत हो गई। उधर, यमुना कालोनी निवासी 84 वर्षीय बुजुर्ग को 10 जुलाई को महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जांच में उन्हें भी स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। उनकी मंगलवार सुबह मौत हो गई। स्वाइन फ्लू के नोडल प्रभारी डा. पुनीत चंद्रा ने बताया कि बुर्जुग महिला और पुरुष दोनों के खून के सैंपल की जांच कराने के बाद स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई थी। दोनों की तबीयत पहले से खराब थी। 

कम तापमान होने से सक्रिय हो रहा वायरस

जुलाई माह में स्वाइन फ्लू से चार मौतें हो चुकी हैं। माना जाता है कि स्वाइन फ्लू का वायरस कम तापमान में सक्रिय होता है। जानकार कहते हैं कि नमी ज्यादा होने पर वायरस सक्रिय हो सकता है। स्वाइन फ्लू में कारगार मानी जाने वाली टेमी फ्लू दवा को विभाग ने महंत इंदिरेश अस्पताल और कैलाश अस्पताल में भी भिजवाया है।

हालांकि, जौलीग्रांट और मैक्स अस्पताल अपने स्तर से दवा का इंतजाम कर रहे हैं। स्वाइन फ्लू के नोडल प्रभारी डा. पुनीत चंद्रा का कहना है कि टेमी फ्लू दवा की कोई कमी नहीं है। दून मेडिकल कालेज, कोरोनेशन अस्पताल व प्रेमनगर अस्पताल को दवा की आपूर्ति काफी पहले कर दी थी। महंत इंदिरेश अस्पताल और कैलाश अस्पताल को भी दवा सप्लाई कर दी है। 

अस्पतालों में आईसोलेशन वार्ड तैयार 

स्वाइन फ्लू के मरीज को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया जाता है। क्योंकि यह वायरस मरीज की खांसी और छींक के जरिये फैलता है। इसलिए मरीज को ठीक होने तक मास्क पहनकर रहना पड़ता है। यह भी जरूरी है कि मरीज के जाने से पहले डाक्टर, नर्स व अन्य स्टाफ भी मास्क पहनकर जाएं। स्वाइन फ्लू की आशंका पर स्वास्थ्य महकमा इस साल अभी तक 65 लोगों के सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेज चुका है। जिसमें से 19 लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। हालांकि सभी लोग उत्तराखंड के नहीं हैं। 

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