पीएम पोषण योजना के घोटाले की जांच एसआईटी को सौंपी
प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड डे मील) और शक्ति निर्माण योजना में हुए घोटाले की एसआईटी जांच के लिए शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने अनुमोदन दिया है। देहरादून में 3.18 करोड़ रुपये की अनियमितता का मामला...

प्रधानमंत्री पोषण योजना (मिड डे मील) एवं शक्ति निर्माण योजना में हुए घोटाले की एसआईटी जांच होगी। शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने जांच के लिए अनुमोदन कर दिया है। दो महीने पहले देहरादून में पीएम पोषण योजना में 3.18 करोड़ रुपये की अनियमितता सामने आई थी। इसमें मुकदमा करवाने के साथ ही विभागीय जांच भी कराई गई थी। शिक्षा विभाग के छह अधिकारियों पर भी जांच का शिकंजा कसना तय है। शिक्षा विभाग में उपनल के माध्यम से तैनात कर्मचारी पर आरोप लगा था कि उसने योजना की धनराशि अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर गबन किया। इसकी विभागीय जांच अपर निदेशक गढ़वाल मंडल को सौंपी गई थी।
जांच में उपनल कर्मचारी को दोषी पाया गया था। साथ ही विभागीय अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई थी। जांच कमेटी ने घपले की तह तक जाने और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के लिए उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश भी की। जिसका शिक्षा मंत्री डॉ.धन सिंह रावत ने अनुमोदन कर दिया है। उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि सरकारी योजनाओं में घपला-घोटाला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी सरकारी धन की हेराफेरी में शामिल होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिन अफसरों शासकीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरती है, उन पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एमआईएस समन्वयक ने किया घपला विभागीय जांच में जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) देहरादून के कार्यालय में उपनल के माध्यम से नियुक्त एमआईएस समन्वयक नवीन सिंह रावत को प्रत्यक्ष रूप से सरकारी धन के गबन का दोषी पाया गया है। आरोपी ने वर्ष 2023-24 से वर्ष 2025-2026 की अवधि के दौरान तीन करोड़ 18 लाख से अधिक सरकारी धन की हेराफरी की। उसने इस धनराशि को ऑनलाइन माध्यम से अलग-अलग अज्ञात खातों में ट्रांसफर किया। सरकारी सेवक अधिनियम के तहत होगी कार्रवाई शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि पूरे प्रकरण में किसी अन्य कार्मिक की प्रत्यक्ष संलिप्तता की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन उक्त अवधि के दौरान आधा दर्जन जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक सहित वित्त एवं लेखाधिकारी जांच के घेरे में हैं, जो अपने शासकीय दयित्वों का निर्वहन करने में असफल पाये गए। इन्होंने बिना किसी जांच के पीएम पोषण संबंधी खातों से धनराशि ऑनलाइन अवैध ट्रांसफर होने दी। इनके खिलाफ उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। मामला सामने आने के बाद की सख्ती देहरादून में 3.18 करोड़ के गबन का मामला सामने आने के बाद शिक्षा विभाग ने सख्ती भी की है। अब वित्तीय और अन्य गोपनीय कार्य की जिम्मेदारी सिर्फ स्थाई विभागीय कर्मचारियों को ही सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही पीएम पोषण योजना के खातों के संचालन की जिम्मेदारी भी सीमित कर दी है।
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