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बर्फ से ढका है उत्तराखंड का ये धार्मिक स्थल, ग्लेशियर काटकर सेना निकालेगी रास्ता

चारधाम यात्रा का आगाज अक्षय तृतीया के शुभ मुहर्त में हो चुका है। 30 अप्रैल को भू बैकुंठ श्री बदरीनारायण के कपाट ग्रीष्मकालीन पूजा के लिए खोल दिए जायेंगे। जहां चारों धामों के यात्रा मार्ग में इस बार...

बर्फ से ढका है उत्तराखंड का ये धार्मिक स्थल, ग्लेशियर काटकर सेना निकालेगी रास्ता
जोशीमठ, पूरन भिलंगवालSat, 21 Apr 2018 09:30 AM
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चारधाम यात्रा का आगाज अक्षय तृतीया के शुभ मुहर्त में हो चुका है। 30 अप्रैल को भू बैकुंठ श्री बदरीनारायण के कपाट ग्रीष्मकालीन पूजा के लिए खोल दिए जायेंगे। जहां चारों धामों के यात्रा मार्ग में इस बार बर्फ नदारद है तो वहीं सिखों के तीर्थ श्री हेमकुंड साहेब में अभी भी साढ़े तीन फीट से अधिक बर्फ चारों ओर पसरी हुई है।

अगर पहाडों में मौसम का मिजाज इसी प्रकार सर्द बना रहा है तो यात्रा शुरू होने पर हेमकुड में लगभग दो फीट बर्फ तीर्थ यात्रियों को मिलेगी। हेमकुंड साहेब के कपाट 25 मई को प्रातः 9 बजे खोल दिए जायेंगे। हेमकुंड यात्रा मार्ग में अटलाकोटी से ऊपर चारों ओर अभी भी बर्फ ही बर्फ है तो वहीं एक किमी परिधि में फैला हेमकुंड सरोवर बर्फ के नीचे पूरी तरह से छिप रखा है, सरोवर के अपर तीन फीट से अधिक मोटी बर्फ की परत चढी हुई है। 

पैदल मार्ग में दो जगह हैं ग्लेशियर

हेमकुंड पैदल मार्ग में रामढुंगी और अटलकोटी में ग्लेशियर हैं। 12 किमी पर स्थित रामढुंगी में 100 फीट लंबा, 5 फीट ऊंचा और  16 किमी पर अटलाकोटी में 250 मीटर लंबा व 10 फीट ऊंचा ग्लेशियर अभी भी मौजूद है। मार्ग से ग्लेशियर हटाने के लिए सेना की 418 इंडिपेंडेंट सिग्नल कंपनी का 40 सदस्यीय दल दो मई को गोविन्दघाट से रवाना होगा। 

पानी, बिजली और रास्ते अभी नहीं हुए दुरुस्त

17 किमी के पैदल यात्रा मार्ग में मूलभूत सुविधायें दुरस्त नहीं हो पायी हैं। रास्ते में पेयजल, बिजली, शौचालय की समस्या बनी हुई है। किलोमीटर पांच में पुस्ता टूटन से रास्ता पैदल आवाजाही के लिए खतरनाक बना हुआ है। 

गुरुद्वारा कमेटी ने शुरू की तैयारियां

गुरूद्वारा प्रबंध कमेटी ने यात्रा की तैयारियां शुरू कर दी है। कमेटी ने घांगरिया में 50 सेवादारों का स्टाफ भेज दिया है, जो वहां पर रंग रोगन एवं साफ सफाई में लग गया है। साथ ही जोशीमठ एवं गोविन्दघाट गुरुद्वारे में भी रंग रोगन शुरू हो गया है। प्रबंधक गुरुद्वारा कमेटी सेवा सिंह ने बताया कि गुरुद्वारा की टीम हेमकुंड साहेब का भ्रमण कर आ चुकी है। हमने कपाट खोलने की तैयारियां शुरू कर दी है। यात्रा मार्ग में रामढुगी एवं अटलाकोटी में भारी ग्लेशियर पसरे हुए हैं, यात्रा मार्ग में भी कुछ समस्यायें अभी भी हैं, जिसकी रिर्पोट शासन को भेजी जा रही है।

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