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शौचालय के अनोखे शौक की बदौलत इस शख्स का नाम ‘लिम्का बुक’ में दर्ज

अक्सर शौचालय के बारे में सुनकर लोग नाक-मुंह सिकोड़ लेते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलाने जा रहे हैं, जिन्होंने पर शौचालय को लेकर ऐसा शौक पाला कि उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज...

शौचालय के अनोखे शौक की बदौलत इस शख्स का नाम ‘लिम्का बुक’ में दर्ज
लाइव हिन्दुस्तान टीम,रुड़कीFri, 26 May 2017 05:25 PM
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अक्सर शौचालय के बारे में सुनकर लोग नाक-मुंह सिकोड़ लेते हैं। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे शख्स से मिलाने जा रहे हैं, जिन्होंने पर शौचालय को लेकर ऐसा शौक पाला कि उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो गया।

रमेश भटेजा उत्तराखंड के रुड़की में रहते हैं। जिस विषय को लेकर लोग अपने मुंह पर रुमाल रख लेते हैं, उसे रमेश भटेजा ने इतना रुचिकर बना दिया कि अब उनकी चर्चा लोगों के ड्राइंग रूम में हो रही है। उन्होंने बिना किसी झिझक के देशभर के विभिन्न समाचार पत्रों में छपे शौचालयों की पेपर कटिंग को एकत्र किया। इसका संग्रह बना लिया। इस संग्रह में अब तक 982 अलग-अलग तरह के समाचार शामिल हैं। उनके इस कलेक्शन को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से उन्हें प्रोत्साहित किया गया। इसके अलावा पतंजलि योगपीठ के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने भी उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही पतंजलि के स्वच्छता अभियान से जोड़ने की भी बात कही।

उनके इस अनोखे कलेक्शन के चलते अब हर जगह उनकी चर्चा आम है। उनका नाम लिम्बा बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज हो गया है। इससे पहले विश्व शौचालय सम्मेलन में इनकी प्रदर्शनी को विशेष रूप से स्थान दिया गया। वहीं सन 2009 में आईआईटी रुड़की ने सृष्टि कार्यक्रम के तहत विशेष शौक के लिए प्रथम पुरस्कार प्रदान किया। भारत सरकार ने गंगा मंथन में विशेष रूप से भटेजा को आमंत्रित किया। शुक्रवार को शहर विधायक प्रदीप बत्रा, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मयंक गुप्ता, डॉ. सौरभ गुप्ता, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मयूर दीक्षित और मनमोहन शर्मा ने उनकी इस उपलब्धि पर बधाई दी। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने उन्हें शौचालय की जानकारी के लिए ब्रांड एंबेसडर बनाने की भी बात कही। 

‘हिन्दुस्तान’ भी कर चुका है रमेश को सम्मानित
रमेश भटेजा के इस अनोखे शौक को देखते हुए ‘हिन्दुस्तान’ ने उन्हें वर्ष 2011 में स्पीरिट ऑफ उत्तराखंड पुरस्कार से सम्मानित किया था। उनपर एक विशेष लेख भी प्रकाशित किया गया था। रमेश भटेजा रोजाना करीब छह समाचार पत्रों का अध्ययन करते हैं। इसके बाद अपने व्यवसाय को समय देते हैं। इस बीच मिले समय में नमामि गंगे, स्वच्छता अभियान, सामाजिक गतिविधियों में व्यस्त रहते हैं। 

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