झंडे जी मेले में उमड़ने लगा श्रद्धालुओं का सैलाब
सोमवार से शुरु होने वाले ऐतिहासिक झंडे जी मेले को लेकर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दून पहुंच चुके है। शनिवार को देर शाम देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के दरबार साहिब पहुंचने पर आस्था का...
सोमवार से शुरु होने वाले ऐतिहासिक झंडे जी मेले को लेकर हजारों की संख्या में श्रद्धालु दून पहुंच चुके है। शनिवार को देर शाम देश-विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालुओं के दरबार साहिब पहुंचने पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं इस बार झंडे जी पर दर्शनी गिलाफ चढ़ाने वाले पंजाब के होशियार जिले के निवासी केशर सिंह भी परिवार के साथ दून पहुंच चुके है। दरबार साहिब प्रबंधन के अनुसार पिता तेज सिहं ने मनोकामना पूरी होने पर 105 साल पहले दर्शनी गिलाफ की बुकिंग करवाई थी। फाल्गुन मास की पंचमी तिथि सोमवार से शुरु होने वाला झंडे जी का मेला इस बार 15 अप्रैल तक चलेगा। मेला प्रभारी केसी जुयाल ने बताया कि दरबार साहिब की तरफ से मेले की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि इस बार मेले में पिछले साल की तुलना में ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। श्रद्धालुओं को एसजीआरआर के स्कूलों, धर्मशालाओं और होटलों में ठहराया गया है। शनिवार को एसपी सिटी श्वेता चौबे, सीओ ट्रैफिक राकेश देवली, शहर कोतवाल एसएस नेगी और एसएसआई अशोक राठौर ने दरबार साहिब पहुंचकर मेले की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली।
शनिवार शाम तक सिलते रहे गिलाफ
शुक्रवार से शुरू हुआ गिलाफ सिलाई का काम शनिवार देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने अपनी मन्नतो के अनुसार झंडे जी के लिए गिलाफ सिलवाये।
झंडे जी के चढ़ने से पहले ही चली जाती है पूर्वी संगते
फाल्गुन मास की चतुर्थी तिथि रविवार को दरबार साहिब के महंत देवेंद्रदास महाराज पूर्वी संगत के मसंदो का स्वागत कर पगड़ी, प्रसाद व तावीज के साथ ही आशीर्वाद देते है। माना जाता है कि पुराने समय से ही पूर्वी क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु झंडे जी के उतरने के साथ ही वापिस चले जाते है। यह लोग झंडे जी को चढ़ते हुए नही देखते। जबकि पंजाब, हरियाणा के श्रद्धालु झंडे जी के आरोहण के बाद ही वापस जाते है। इस बारे में साहिब प्रबंधन ने बताया कि यह पुरानी पंरपरा है। पूर्वी क्षेत्र के लोग झंडे जी को चढ़ते हुए नही देखते इसकी असल वजह क्या होगी इसके बारे में उन्हे जानकारी नही है।