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लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि के लिए हुआ पौधरोपण

जूठन जैसा उपन्यास और ठाकुर का कुंआ जैसी कविता के लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि के नाम पर कथाकार सुभाष पन्त ने सालावाला स्थित केंद्रीय विद्यालय मैं पौधारोपण किया। धाद द्वारा उत्तराखंड के साहित्यकारों की...

लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि के लिए हुआ पौधरोपण
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनThu, 27 Jul 2017 05:26 PM
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जूठन जैसा उपन्यास और ठाकुर का कुंआ जैसी कविता के लेखक ओमप्रकाश वाल्मीकि के नाम पर कथाकार सुभाष पन्त ने सालावाला स्थित केंद्रीय विद्यालय मैं पौधारोपण किया। धाद द्वारा उत्तराखंड के साहित्यकारों की याद में हरेला पर पौधरोपण की मुहिम के मौके पर विद्यालय के प्राचार्य इन्द्रजीत सिंह, धाद संस्थापक लोकेश नवानी भी मौजूद थे। वाल्मीकि रायपुर की आर्डिनेंस फैक्ट्री में कार्यरत रहे। ओमप्रकाश वाल्मीकि के योगदान को याद करते हुए सुभाष पन्त ने कहा कि, वाल्मीकि का स्मरण दरअसल उस चेतना का सम्मान है जिसने एक दौर में गैर बराबरी को साहित्य के माध्यम से चुनौती दी। शायर अम्बर खरबंदा ने पर्यावरण और पंछियों के रिश्ते पर अपनी बात कही। धाद संस्थापक लोकेश नवानी ने बताया कि हरेला धार्मिक से कहीं अधिक वैज्ञानिक आधार का पर्व है। मनुष्य ने कृषि करने भी पहले पेड़ लगाये। अपने आहार के लिए अपनी सुरक्षा के लिए इसलिए इंसान और पेड़ों की मित्रता पुरानी है। प्राचार्य इन्द्रजीत सिंह ने विद्यालयों को समाज,साहित्य और प्रकृति की परंपरा को जोड़ने की जरूरत बताई। डा. माधुरी बड़थ्वाल ने हरेला का सांस्कृतिक पक्ष रखा। संचालन कल्पना बहुगुणा ने किया। मौके पर धाद अध्यक्ष व्यास, सचिव तन्मय ममगाईं, मंजू काला, नीलम प्रभा वर्मा, कांता घिल्डियाल, साकेत रावत, विजय जुयाल, विरेश, संदीप मौजूद रहे।

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