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बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुखर हुए विपक्षी दल

राज्य के विपक्षी दलों ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर आक्रोश जताया। वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ मापिया तंत्र, अपराध और हिंसा बढ़ रही है, वहीं...

बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुखर हुए विपक्षी दल
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनSun, 04 Dec 2022 04:30 PM
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राज्य के विपक्षी दलों ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर आक्रोश जताया। वक्ताओं ने कहा कि एक तरफ मापिया तंत्र, अपराध और हिंसा बढ़ रही है, वहीं दूसरी तरफ सरकार कानून को ताक पर रखकर पुलिस प्रशासन का दुरुपयोग कर रही है। मजदूर, महिला, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के बुनियादी हकों को माफिया और सरकारी विभाग हनन कर रहे हैं और अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के बजाय उनको बचाया जा रहा है।

रविवार को खुशी राम पब्लिक लाइब्रेरी में आयोजित संयुक्त सम्मलेन में कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम), समाजवादी पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल के प्रतिनिधि शामिल रहे। सभी ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था के विरोध में एकजुट होने का ऐलान किया। वक्ताओं ने कहा कि अंकिता और जगदीश के केस में सीधा पक्षपात और लापरवाही दिखाई दे रही है और अल्पसंख्यक और दलित समुदायों पर हो रहे हमलों में सरकार मूकदर्शक बन कर बैठी है, यदि कानून को इस तरह कमजोर किया जाएगा तो अपराधों को बढ़ावा मिलेगा। इस मौके पर कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी, उत्तराखंड महिला मंच की निर्मला बिष्ट, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य उप सचिव रविंद्र, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. एसएन सचान, बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष रजिया बेग, ऑल इंडिया किसान सभा के राज्य अध्यक्ष सुरेंद्र सजवाण, महामंत्री गंगाधर नौटियाल, एसएफआई के राज्य अध्यक्ष नितिन मलेठा, सर्वोदय मंडल के हरबीर सिंह खुश्वाह, उत्तराखंड लोकतांत्रिक मोर्चा के अध्यक्ष एसएस पांगती, जनवादी महिला समिति के राज्य सचिव इंदु नौटियाल, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल आदि मौजूद रहे।

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