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निर्जला एकादशी व्रत 21 जून को

हिंदू धर्म में साल के सभी एकादशी व्रत में निर्जला एकादशी व्रत को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि...

निर्जला एकादशी व्रत 21 जून को
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनSat, 19 Jun 2021 03:00 AM
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देहरादून। कार्यालय संवाददाता

हिंदू धर्म में साल के सभी एकादशी व्रत में निर्जला एकादशी व्रत को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। इस साल निर्जला एकादशी 21 जून को पड़ रही है। इस व्रत में एक बूंद जल भी ग्रहण नहीं किया जाता है। हिंदू धर्मशास्त्रों में कहा गया है कि मनुष्य को अपने जीवन में निर्जला एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए। इस व्रत में भी भगवान विष्णु का विधि-विधान से पूजन किया जाता है।

ज्योतिषियों के अनुसार, इस एकादशी को भीमसेन एकादशी, पांडव एकादशी और भीम एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हर महीने में दो एकादशी होती हैं-एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष में आती है। उत्तम संतान की इच्छा रखने वालों को शुक्ल पक्ष की एकादशी का उपवास एक साल तक करना चाहिए। इससे श्रीहरि अपने भक्तों से प्रसन्न होकर उन पर कृपा बनाए रखते हैं। कहा जाता है जो व्यक्ति साल की सभी एकादशी पर व्रत नहीं कर सकता, वो इस एकादशी के दिन व्रत करके बाकी एकादशी का लाभ भी उठा सकता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. सुशांतराज के अनुसार, इस व्रत का पालन महाभारतकाल में भीमसेन ने किया था और उन्हें स्वर्गलोक की प्राप्ति हुई थी। ऐसी मान्यता है कि एकादशी व्रत करने से मोक्ष मिलता है और लोगों की मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।

शुभ मुहूर्त

निर्जला एकादशी तिथि- 21 जून 2021

एकादशी तिथि प्रारंभ-20 जून शाम 4:21 बजे से

एकादशी तिथि समाप्‍त-21 जून दोपहर 1:31 बजे तक

पारण का समय-22 जून सुबह 5:13 बजे से 8:01 बजे तक

गंगा दशहरा 20 जून को मनाया जाएगा

देहरादून। गंगा दशहरा पर्व 20 जून को मनाया जाएगा। माना जाता है कि इस दिन मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के दसवें दिन को दशमी दशहरा करते हैं। पुराणों के अनुसार, गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान, अन्न-वस्त्रदान, जप-तप और उपवास का महत्व है। ऊं नम: शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नम: से पंचोपचार, षोडषोपचार पूजन करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य डॉ. सुशांतराज के अनुसार, दशमी तिथि का आरंभ 19 जून शाम 6:50 बजे और समापन 20 जून शाम 4:25 बजे होगा। उत्तराखंड विद्वत सभा के आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार, गंगा दशहरा का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। कोरोना काल में हर किसी का गंगा तक पहुंचना मुश्किल है। लिहाजा, गंगाजल की बूंदें डालकर पानी से स्नान किया जा सकता है।

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