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मिशन रिस्पना : देहरादून में ढाई लाख पेड़ लगाने का बनेगा रिकॉर्ड, सीएम ने खुद खोदे गड्ढे- VIDEO

देहरादून में मिशन रिस्पना की शुरुआत हो गयी है। रिस्पना नदी के पुनर्जीवन अभियान का शुभारंभ शानिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। मसूरी विधानसभा क्षेत्र के कैरेवान गांव से अभियान शुरू।...

मिशन रिस्पना : देहरादून में ढाई लाख पेड़ लगाने का बनेगा रिकॉर्ड, सीएम ने खुद खोदे गड्ढे- VIDEO
देहरादून, लाइव हिन्दुस्तान टीमSat, 19 May 2018 04:09 PM
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देहरादून में मिशन रिस्पना की शुरुआत हो गयी है। रिस्पना नदी के पुनर्जीवन अभियान का शुभारंभ शानिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। मसूरी विधानसभा क्षेत्र के कैरेवान गांव से अभियान शुरू। मुख्यमंत्री ने पहाड़ी पर चढ़कर फावड़ा चलाया और पेड़ लगाने के लिए गड्ढे खोदे। इसी के साथ रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए पहले चरण के अभियान का आगाज हो गया है। इसमें नदी के उद्गम से लेकर संगम तक पौधारोपण के लिए ढाई लाख पेड़ लगाने का रिकार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए पहले दिन 20 हजार गड्ढे खोदे गए।

अभियान के तहत 39 ब्लाकों में सेक्टर अधिकारियों व विभागीय नोडल अधिकारियों को तैनात किया गया है। ‘मिशन रिस्पना’ प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। पहले चरण में पौधारोपण के लिए गड्ढे खोदने और साफ-सफाई का व्यापक स्तर पर कार्यक्रम चल रहा है। नदी के उद्गम स्रोत शिखर फॉल से लेकर संगम स्थल मोथरोवाला तक 39 अलग-अलग सेक्टर बनाए गए हैं। सुबह से इन सेक्टरों में तैनात नोडल अधिकारियों ने मोर्चा संभाला हुआ है। गड्ढे खोदने के कार्य में करीब चार हजार से अधिक लोग श्रमदान कर सहयोग कर रहे हैं। इसमें विभिन्न शिक्षण संस्थानों, गैर सरकारी संगठन, एनजीओ, केंद्रीय संस्थानों, सेना, पैरा मिल्ट्री फोर्स के जवान व विभिन्न विभागों के कर्मचारी शामिल हैं।

दुर्गम स्थानों पर सेना, बीएसएफ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ व एसडीआरएफ के जवान सहयोग दे रहे हैं। प्रत्येक सेक्टर में वन विभाग के एक-एक कर्मचारी तैनात किए गए हैं, जो स्कूली बच्चों व स्वयंसेवी संस्थाओं के वालंटियरों को गड्ढे बनाने में मार्गदर्शन कर रहे हैं। दौडवाला में सीएम ने कहा कि 16 जुलाई को हरेला पर्व पर मसूरी में वृहद पौधरोपण किया जाएगा। कहा कि ढाई लाख पौधे लगाने का भी लक्ष्य रखा गया है। लोगों की जरूरत जो हर रोज दो-दो घंटे इस अभियान को दें। दौड़वाला में इको टास्क फोर्स, जल संस्थान, स्कूली बच्चों व निजी संगठन, बीजेपी कार्यकर्ताओं ने 1200 से अधिक गड्ढे खोदे। 

पहाड़ी चढ़ने पर नेताओं की फूली सांस 

खास बात ये रही पहाड़ी में चढ़ते हुए कई नेताओं की सांस फूलती दिखी पर मुख्यमंत्री में जोश, फुर्ती और उतसाह देखने को मिला। मुख्यमंत्री ने मौजूद लोगों, छात्रों को संकल्प दिलाया कि रिस्पना का स्वरूप पहले की तरह लाना है। मौके पर मुख्य सचिव उत्पल कुमार, जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन, नगर आयुक्त विजय कुमार जोगडंडे, एसडीएम सदर प्रतुष सिंह आदि अफसर भी मौजूद रहे।

इन संस्थानों का मिला सहयोग 

रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए विभिन्न स्कूल, कॉलेज, केंद्रीय संस्थानों, एनजीओ आगे आए हैं। जिसमें वेस्ट वेरियर संस्था, उत्तरांचल आयुर्वेदिक कालेज रायपुर, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी, यूपीईएस, पेस्टलविड स्कूल, होम गार्ड, एसएसबी, आर्डिनेंस फैक्टरी, वन निगम, पुलिस, स्पोर्ट्स कालेज, बीएसएफ, एसडीआरएफ, सैंट जोर्ज स्कूल, आईटीबीपी, ओनएनजीसी, सिविल डिफेंस, स्कालरहोम, मैड संस्था सहित जिले के कई स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि अभियान में शामिल हैं।

रिस्पना के प्राण लौटाने के लिए त्रिवेंद्र ने दलों से मांगा सहयोग 

रिस्पना के पुनर्जीवीकरण को लेकर शुरू हुए अभियान के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कांग्रेस समेत बाकी दलों को भी इसमें शामिल होने का न्योता दिया। उन्होंने साफ किया कि कांग्रेस और बाकी दल चाहें तो अपने चुनाव चिह्न के साथ इसमें शामिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद किसी भी तरह रिस्पना को पुराने स्वरूप में लाना है। सरकार ने तय किया है कि एक ही दिन में रिस्पना के दोनों ओर 2.5 लाख पौधे रौपे जाएंगे। इसमें 30 फीसदी फलदार पौधे होंगे, हालांकि यह काम आसान नहीं है, लेकिन सभी के सहयोग से इस काम को अंजाम तक पहुंचाना है। उन्होंने कांग्रेस समेत बाकी दलों से भी कहा कि वह चिह्न के साथ इस अभियान में शामिल हो सकते हैं। इस पर किसी तरह की आपत्ति नहीं होगी।

..तो दूर हो जाएगा पानी का संकट 

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि हम बारिश के पानी का कुछ हिस्सा भी संरक्षित कर लें तो पानी का संकट दूर हो जाएगा।  आने वाले समय में पानी एक मुख्य समस्या न बने, इसके लिए सरकार सूर्यधार बांध सहित बाकी बांध परियोजनाओं पर काम कर रही है। 

ये ब्लॉक बनाए गए 

रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से ब्लॉक घोषित किए गए हैं। इसमें कैरवाण गांव, शिखर फॉल, तपोभूमि आश्रम, राजपुर हेड, नारी निकेतन, एसटीपी दौड़वाला और एसटीपी मोथरोवाला ब्लॉक शामिल हैं। यहां मिशन रिस्पना के तहत काम होंगे।

जिला प्रशासन मुहैया कराएगा उपकरण 

गड्ढे खोदने के लिए उपकरण जिला प्रशासन उपलब्ध कराएगा। हरेक गड्ढा तीस से पैंतालीस सेंटीमीटर के ब्यास का होगा। स्वयंसेवक और वन विभाग कर्मचारी इनकी देखभाल भी करेंगे। ताकि पौधरोपण के दौरान कोई भी परेशानी आड़े न आ सके। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान शहर में अलग अलग जगहों पर स्वास्थ्य टीम भी तैनात रहेगी। इधर, सिटी मजिस्ट्रेट मनुज गोयल ने इस अभियान से जुड़े स्वयंसेवकों से पूरे कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण का ध्यान रखने और प्लास्टिक सामग्री यहां-वहां नहीं फेंकने का अनुरोध किया है।

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