बिना परामर्श की दवा खराब कर सकती है आपकी त्वचा
हिन्दुस्तान के कर्जन रोड स्थित कार्यालय में रविवार को ‘हिन्दुस्तान हेल्थ हेल्पलाइन का आयोजन किया गया। हेल्पलाइन में वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं...
देहरादून। कार्यालय संवाददाता
हिन्दुस्तान के कर्जन रोड स्थित कार्यालय में रविवार को ‘हिन्दुस्तान हेल्थ हेल्पलाइन का आयोजन किया गया। हेल्पलाइन में वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ एवं ग्रेस क्लीनिक की निदेशक डा. नाजिया खातून ने शिरकत की। करीब डेढ़ घंटे तक प्रदेशभर से फोन आए। त्वचा संबंधी बीमारियों के बारे में डाक्टर से सवाल पूछे। डाक्टर ने बड़े ही सरल एवं सहज तरीके से सवालों का जवाब दिया। उनकी तमाम जिज्ञासाओं को शांत किया।
डा. नाजिया खातून ने कहा कि मौसम बदल रहा है। अचानक बारिश होती है, धूप निकल जाती है और बादल छाए रहते हैं। कई बार लगता है कि धूप नहीं निकली है। ऐसे मौसम में सनबर्न, फंगल इंफेक्शन, झाइयां, दाद, खाज, खुजली, एक्जिमा, सोराइसिस होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। वहीं स्किन सेंसेंटिव हो जाती है। ऐसे में बहुत ज्यादा तेल नहीं लगाना है, शैंपू का ख्याल रखना है। बारिश की वजह से मॉस्चराइज प्रयोग करना बहुत जरूरी है। कुछ भी नहीं है तो नारयिल तेल लगा लीजिएगा। पहले जो मरीज आते थे, उनमें फंगल इंफेक्शन 20 फीसदी होते थे । अब उनकी संख्या 80 फीसदी तक पहुंच गई है। मरीजों की समस्या इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि वह दवाओं का कॉकटेल प्रयोग कर रहे हैं। मार्केट में तमाम तरह की ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं, जो आपकी समस्या समाधान के बजाए नुकसान पहुंचा सकती हैं। स्किन पतली हो सकती है, लाइन पड़ सकती है। क्योंकि हर बीमारी की एक दवा होती है, बाजार में मिक्स दवाएं बेची जा रही हैं। डाक्टरों के लिए यह चिंताजनक है कि रेजीडेंस बन सकते हैं, जिसमें जो दवा पहले खा ली, बाद में बीमारी होने पर वह दवा असर नहीं करती है। कोविड की तरह फंगस का भी स्ट्रेन होता है। इसीलिए उल्टी-सीधी दवा लेने की बजाय विशेषज्ञ से दवा लें और पूरा कोर्स करें। झाइयों, हार्मोंस की गड़बड़ी, सिस्ट या रसौली के दौरान हड़बड़ा कर कोई क्रीम न लगाएं। सनक्रीम को सही तरीके से सुबह-शाम लगाएं। बाहर निकलने से आधा घंटे या 15 मिनट पहले लगाएं।
मस्सों पर घरेलू नुस्खे खतरनाक
डा. नाजिया ने कहा कि मस्सों के समाधान को कोई उल्टा-सीधा लोशन, घोड़े के बाल, चूना या सर्फ आदि न लगाएं। इससे स्किन जल सकती है।
डाक्टर के परामर्श से उपचार कराएं या हटवाएं। उधर, खेत में जाने से एलर्जी है, तो दस्ताने पहनकर काम करें और घर आकर अच्छे से साफ पानी में हाथ-पैर धोएं।
सफेद दाग बीमारी नहीं सामाजिक बुराई
सफेद दाग को लेकर डा. नाजिया ने चिंता व्यक्त की। कहा कि सफेद दाग कोई बीमारी नहीं है। इससे कोई परेशानी नहीं होती हैमरीज को। रक्त कोशिकाएं नहीं बनने से ये निशान बन जाते हैं, इसे सब मिलकर दूर करना है। ऐसे लोगों को प्यार एवं सहजता से पेश आना है, दवाइयों से ठीक हो जाता है।
कोविड में बाल झड़ गये तो घबराना नहीं
डा. नाजिया ने कहा कि बालों की अलग-अलग साइकिल होती है। मानसून के समय में ज्यादा झड़ते हैं, डेंड्रफ की वजह से एवं बीमार होने पर बाल झड़ते हैं। कोविड-डेंगू एवं सर्जरी, स्ट्रेस आदि में मरीज के बाल झड़ जाते हैं। जिसमें मरीज काफी परेशान हो जाता है। लेकिन परेशान नहीं होना है। प्रोटीन डाइट अंडा चिकन सोयाबीन दाल ले सकते हैं। कोविड के दौरान ब्लड सप्लाई कम मिला है। ये समस्या अगले छह से आठ महीने में खुद ही खत्म हो जाएगी। दवा लेने से दो माह में बाल आ जाएंगे। इसमें पैनिक होने की जरूरत नहीं है।
बारिश में भीगने से बचें और एहतियात बरतें
डा. नाजिया ने कहा कि बरसात के मौसम में फंगल इंफेक्शन होना आम है। फंगल में गोल-गोल चकत्ते शरीर पर बन जाते हैं। घमौरियां पीठ, माथे और यहां तक की सिर में भी हो सकती हैं। बच्चे को इसके होने की ज्यादा गुंजाइश रहती है। डिशीड्रोटिक एक्जिमा भी काफी परेशान करता है। इस एक्जिमा की वजह से हाथों की उंगलियों हथेलियों, तलवों और पैरों में छोटे-छोटे दाने निकलने लगते हैं। इनमें खुजली से ज्यादा बरेशानी होती है। बारिश में कोशिश करें आप भीगे नहीं और बाहर निकलते वक्त छाते का इस्तेमाल करें। यदि भीग भी गये हैं तो घर आते ही तौलिया से साफ करे। पसीना भी शरीर में न आने दे। इससे भी घमौरियां हो सकती हैं।
खूब पानी पियें, बैक्टीरियल संक्रमण से भी बचें, त्वचा दमकती रहेगी
किसी भी तरह के संक्रमण से बचने का एक साधारण सा उपाय है, खूब पानी पीना। शरीर में पानी की कमी कतई न होने दे। अगर कम पानी पी रहे हैं तो संक्रमण का खतरा बना रहेगा और यदि पर्याप्त पानी पीते रहने से शरीर से गंदगी बाहर निकलती रहती है। जरूरी है कि दिनभर में कम से कम तीन लीटर पानी पिया जाए। इससे त्वचा संबंधी बीमारियां होने का खतरा कम रहता है। उधर, बरसात के मौसम सबसे ज्यादा वैटीरियल संक्रमण परेशान करता है। स्टेफ ऑरियस नाम के बैक्टीरिया इसकी वजह बनते हैं। ये गंदे पानी और ह्यूमिडिटी की वजह से त्वचा पर पनपते हैं। त्वचा पर दाने आने लगते हैं और उनमें खुजली होती है। इसीलिए बैक्टीरियल संक्रमण से बचे रहेंगे तो स्किन की दिक्कतें कम हो जाएगी।
बाहर का खाना खाने से बचें
बरसात के मौसम में बाहर का खाना खाने से बचना चाहिए। घर का खाना खाएं, कम तेल का खाना एवं मौसमी फलों को डाइट में शामिल करें ताकि आपकी प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे। ब्राइट रंगों वाले फलों का सेवन करें। इनमें एंटीऑक्सिडेंट्स बहुत होते हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं। जैसे आप सेब और अंगूर जैसे फलों को ले सकते हैं।
त्वचा की बेहतरी के लिए ये करें
दिन में दो-तीन बार चेहरा धोएं, संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाएगा
भीग गए हैं तो घर आकर खुद को अच्छे से साफ करें और गीले कपड़ों में देर तक न रहें।
ढीले और सूती कपड़े पहनें।
मानसून के दिनों में भी स्क्रीन लोशन जरूर लगाएं।
धूप में जाएं तो सनस्क्रीन क्रीम लगाकर और छाता एवं चश्मे लगाकर जाएं।
नहाने के बाद मॉस्चराइजर जरूर प्रयोग करें।
खानपान का विशेष ध्यान रखें।
पानी खूब पिएं, हरी सब्जियां खाएं।
जिस सीजन में जो फल पपीता गाजर है जब आप जंक फूड न खाएं।
कम तेल चीनी लें।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।