ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News उत्तराखंड देहरादून100 किमी की अल्ट्रा मैराथन के लिए टीम बना रहे चमोली के हरेंद्र 

100 किमी की अल्ट्रा मैराथन के लिए टीम बना रहे चमोली के हरेंद्र 

2015 में 135 किलोमीटर अल्ट्रा मैराथन में एशियन चैंपिंयन रह चुके दून के हरेन्द्र सिंह चौधरी इन दिनों उत्तराखंड में 100 किलोमीटर अल्ट्रा मैराथन के लिए टीम बना रहे हैं। इसमें विभिन्न जिलों के युवाओं को...

100 किमी की अल्ट्रा मैराथन के लिए टीम बना रहे चमोली के हरेंद्र 
देहरादून, सुमित थपलियाल Sat, 18 Nov 2017 04:39 PM
ऐप पर पढ़ें

2015 में 135 किलोमीटर अल्ट्रा मैराथन में एशियन चैंपिंयन रह चुके दून के हरेन्द्र सिंह चौधरी इन दिनों उत्तराखंड में 100 किलोमीटर अल्ट्रा मैराथन के लिए टीम बना रहे हैं। इसमें विभिन्न जिलों के युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  

41 किलोमीटर से अधिक की रेस मानी जाने वाली अल्ट्रा मैराथन के लिए हरेन्द्र के पास देहरादून के अलावा, रुड़की, अल्मोड़ा और उत्तरकाशी के सात युवक-युवतियां प्रशिक्षण ले रहे हैं। जिसमें चार लड़के और तीन लड़कियां शामिल हैं। जो रोजाना चार घंटे तक दौड़ लगाकर प्रैक्टिस कर रहे हैं। मूलरूप से चमोली के थौलधार गांव निवासी हरेन्द्र ने बताया कि वह सभी युवक-युवतियों को अल्ट्रा मैराथन के बारे में टिप्स देते हैं। उन्होंने बताया कि दौड़ शुरू होने से पहले धावक को यह संकल्प लेना चाहिए कि शरीर में मौजूद ऊर्जा को ग्राउंड पर दिखानी है।

हारना नहीं है बल्कि सामने वाले से आगे निकलने की कोशिश करनी चाहिए। कहा कि उत्तराखंड की अलग से अल्ट्रा मैराथन टीम बनाकर वह प्रदेश, देश का नाम रोशन करना चाहते हैं। अगले साल केन्या में होने जा रही अल्ट्रा मैराथन चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई कर चुके हरेन्द्र ने बताया कि वह चैंपियनशिप के लिए पूरी तरह फिट हैं। इसलिए हर दिन जमकर खुद की प्रैक्टिस की जा रही है। अगले साल मई में केन्या में 250 किलोमीटर और आस्ट्रेलिया में 135 किलोमीटर अल्ट्रामैराथन की तैयारी के लिए रात 11 बजे से सुबह छह बजे तक मेहनत कर रहे हैं। कहा कि टीम के सभी खिलाड़ी प्रैक्टिस में खूब मेहनत कर रहे हैं। 

रात को 11 बजे करते हैं प्रैक्टिस 

हरेन्द्र बताते हैं कि रात को सड़क खुली- खुली रहती है इसलिए सभी युवक- युवतियां रात को 11 बजे घंटाघर पर एक साथ मिलते हैं। इसके बाद सिटी हाइवे, हर्रावाला, रायपुर, बल्लीवाला, घंटाघर आदि जगहों के दस राउंड लगाते हैं। सप्ताह में सिर्फ रविवार और बुधवार को रेस्ट होता है। पिछले चार माह से प्रैक्टिस करवाई जा रही है। टीम में अल्मोड़ा से नेहा रावत और मनीषा रावत, किच्छा से अरुण जोशी, कर्णप्रयाग से मनीष कुखशाल, टिहरी से शालू, रुड़की से संदीप, कर्णप्रयाग से सुष्मिता को 100 किलोमीटर मैराथन के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।  

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें