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सिर्फ रोजमर्रा का काम देखेंगे प्रशासक, नहीं लेंगे नीतिगत निर्णय

निर्वाचित बोर्डों का आज समाप्त हो रहा है कार्यकाल

सिर्फ रोजमर्रा का काम देखेंगे प्रशासक, नहीं लेंगे नीतिगत निर्णय
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनWed, 02 May 2018 06:44 PM
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शहरी विकास विभाग ने जारी किया शासनादेश

निर्वाचित बोर्डों का आज समाप्त हो रहा है कार्यकाल

देहरादून, मुख्य संवाददाता

प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत में निर्वाचित बोर्ड का आज आखिरी दिन है। शुक्रवार चार मई से निकायों में जिलाधिकारी बतौर प्रशासक कार्यभार ग्रहण कर लेंगे। शहरी विकास विभाग ने बुधवार को ही संबंधित शासनादेश जारी कर स्थिति स्पष्ट कर दी है।

प्रदेश में सभी नगर निकायों में निर्वाचित बोर्ड का कार्याकाल आज तीन मई को समाप्त हो रहा है। नियमानुसार, निर्वाचित बोर्ड का कार्यकाल समाप्त होने से पहले सरकार को नए चुनाव कराने होते हैं, लेकिन इस बार तय समय तक बोर्डों में चुनाव संपन्न नहीं हो पाए। इस कारण निकायों में प्रशासक बैठाना सरकार की मजबूरी बन गई थी।

इसी क्रम में शहरी विकास विभाग ने बुधवार को शासनादेश जारी सभी नगर निगमों, नगर पालिका और नगर पंचायतों में चार मई से अगले आदेश तक प्रशासकों की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए हैं। सभी जगह जिलाधिकारी बतौर प्रशासक काम काज देखेंगे, शासनादेश में स्पष्ट किया गया है प्रशासक सिर्फ रोजमर्रा के काम ही देखेंगे, नीतिगत मामलों पर निर्णय का अधिकार उन्हें नहीं दिया गया है।

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दो दिन में 97 शिकायत

इधर, शहरी विकास विभाग द्वारा नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए जारी आरक्षण प्रस्ताव पर शहरी विकास निदेशालय को बड़ी संख्या में आपत्तियां मिल रही हैं। दो दिन में निदेशालय को सभी निकायों से 97 आपत्तियां मिल गई हैं। अगले चरण में आपत्तियों के निपटारे के बाद आरक्षण फाइनल होगा। इधर, नगर निगम मेयर पद पर आरक्षण की घोषणा बुधवार को भी नहीं हो पाई। अब गुरुवार को कोर्ट में इस विषय पर दायर याचिका पर सुनवाई के बाद ही सरकार मेयर के लिए आरक्षण की घोषणा करेगी।

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पहले भी बैठ चुके हैं प्रशासक

उत्तराखंड में निकायों में पहले भी सरकार प्रशासकों को बैठा चुकी है। इससे पहले वर्ष 2008 और 2013 में भी नगर निकाय चुनाव तय समय पर होने के चलते सरकार को प्रशासक बैठाने पड़े थे।

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खास बातें

92 निकाय हैं उत्तराखंड में

03 निकाय में निर्वाचित बोर्ड नहीं

77 निकाय में घोषित हो चुका है आरक्षण

08 में से सात नगर निगमों में होंगे चुनाव

सरकार की कोशिश के बावजूद कई वजहों से चुनाव तय समय पर नहीं हो पाए। इस कारण मजबूरीवश निकायों में प्रशासकों की नियुक्ति करनी पड़ रही है। सरकार शीघ्र चुनाव करवा, निकायों का काम काज निर्वाचित बोर्डों के हवाले करने के लिए संकल्पित है।

मदन कौशिक, शहरी विकास मंत्री

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