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बाल दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित

बाल दिवस के अवसर पर राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान(सीमैट) परिसर गुरुवार को बच्चों की हंसी-ठिठोली और शैक्षिक खेलों से गुलजार रहा। बाल दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कहानी प्रतियोगिता में...

बाल दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनThu, 14 Nov 2019 06:10 PM
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बाल दिवस के अवसर पर राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान(सीमैट) परिसर गुरुवार को बच्चों की हंसी-ठिठोली और शैक्षिक खेलों से गुलजार रहा। बाल दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय कहानी प्रतियोगिता में देहरादून के आदेश पाल, पौड़ी की कशिश बिष्ट और चंपावत की सीमा बड़वाल ने पहला स्थान हासिल किया। सीमैट परिसर में सुबह करीब 10 बजे बाल चौपाल की शुरुआत हुई। इसमें प्रदेश के अलग-अगल जिलों से कहानी प्रतियोगिता के लिए 32 बच्चे शामिल हुए। इनके साथ ही दो चरणों में देहरादून शहर के रामगढ़, मोथरोवाला, गोरखपुर, नवादा, केदारपुर, ननूरखेड़ा, रायपुर, वाणी विहार, नालापानी, जाखन, कंडोली के आदि के करीब 437 बच्चे और 110 शिक्षक शामिल हुए। कार्यक्रम में बच्चों के लिए अलग-अलग करीब 10 से अधिक काउंटर लगे हुए थे। बाल दिवस के अवसर पर अर्ली रिडिंग-अर्ली मैथमेटिक्स कार्यक्रम का भी समापन किया गया। इसके तहत राज्य स्तरीय कहानी लेखन प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। इसमें 32 बच्चों ने खुद की कहानी को लिखा। इसमें प्रथम तीन स्थान पर आने वाले बच्चों को अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण की निदेशक सीमा जौनसारी ने पुरस्कृत किया। वहीं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। समापन समारोह के दौरान लकड़ी की काठी, काठी का घोड़ा और बेड़ू पाको बारा मासा गीत पर कार्यक्रम में आए शिक्षक, अधिकारी और सीमैट में ट्रेनिंग कर रहे शिक्षिकाएं बच्चों के संग डांस करने लगे। करीब आधे घंटे तक बच्चे और शिक्षक गीतों पर डांस करते रहे। इस दौरान अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण की निदेशक सीमा जौनसारी भी बैठे-बैठे झूमती नजर आयीं। इस अवसर पर निदेशक प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा राकेश कुंवर, अपर निदेशक महानिदेशालय वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक सीमैट शशि चौधरी, अपर निदेशक एससीईआरटी अजय कुमार नौडियाल, अपर राज्य परियोजना निदेशक डा. मुकुल कुमार सती, अपर निदेशक प्रारंभिक शिक्षा वीरेंद्र रावत, संयुक्त निदेशक कुलदीप गैरोला, प्रदीप रावत, कंचन देवराड़ी, पीके बिष्ट, डा. मोहन सिंह ने भी इसका लुत्फ उठाया और बच्चों का उत्साह बढ़ाया। 

रंगों से बच्चों ने दियो, पत्थरों को दिया नया रूप
बाल चौपाल कार्यक्रम के दौरान बच्चों की कल्पनाओं को सामने लाने के लिए चित्रकारी और क्राफ्ट का भी आयोजन हुआ। इसमें एक जगह पर बच्चे रंगों से मिट्टी के दियों को नया रूप देते नजर आए, तो दूसरी जगह पर नदी के छोटे-छोटे पत्थरों को रंगों से बच्चों ने रंगीन कर खूबसूरत बना दिया। वहीं पेंटिंग्स के स्टॉल में बच्चे चार्ट में अपनी कल्पनाओं को उकेरते नजर आए। इन पेंटिंग्स को बकायदा स्टॉल में चारों ओर लगाया जा रहा था। किसी ने पहाड़ बनाए, तो किसी ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। एक पेंटिंग्स में बच्चों को दिखाया गया, तो एक में अक्तूबर 2019 के त्योहार बताए गए थे। वहीं खेल-खेल में विज्ञान सीखें वाले काउंटर पर शिक्षक लकड़ी की स्टिक और अन्य सामग्री के माध्यम से बच्चों को प्रकाश की किरणों की जानकारी देते नजर आए। वहीं ग्लोब के बारे में बताकर बच्चों से देश-विदेश को पहचान करायी गई। आओ गणित सरल बनायें-इसे जीवन में अपनायें, किताब, अंग्रेजी अक्षर ज्ञान आदि पंडालों पर भी भीड़ लगी रही।

सांप-सीढ़ी के खेल से सीख रहे लाइफ स्किल
बाल चौपाल के दौरान एक जगह पर बच्चे सांप-सीढ़ी का खेल खेलते नजर आए। इसमें खिलाड़ी दो बच्चे बने हुए थे, जो जमीन में बिछे सांप-सीढ़ी के बोर्ड पर पांसे में आए अंक के आधार पर चल रहे थे। पूछने पर पता चला कि यह रूम टू रीड संस्था का रीडिंग कैंपेन है। इस बारे में संस्था की स्टेट हैड पुष्पलता ने बताया कि शिक्षा विभाग के साथ समन्वय से 5 से 14 नवंबर तक प्रदेश भर में यह कार्यक्रम चला है। यह सांप-सीढ़ी का खेल बच्चों की लाइफ स्किल को बढ़ाने के लिए है। जैसे सांप-सीढ़ी में अच्छे नंबर आने और सीढ़ी मिलने पर आगे बढ़ते हैं और सांप के काटने पर नीचे आ जाते हैं। इसी तरह बच्चों को बताया गया कि अच्छा खाने पर उनका स्वास्थ अच्छा रहेगा और आगे बढ़ेंगे और यह उनकी स्किल को बढ़ाने में कारगर होता है। वहीं दूसरी ओर रीडिंग कैंपेन है, जिसमें बच्चों के साथ किताब की कहानियों पर चर्चा की गई और बच्चों से उनके बारे में पूछा गया।

 

कहानी से दिया जंगल की स्वच्छता, बालिका शिक्षा का संदेश
राज्य स्तरीय स्वरचित कहानी लेखन प्रतियोगिता में बच्चों ने पर्यावरण संरक्षण, जंगल स्वच्छता, बालिका शिक्षा सहित अलग-अलग कहानियां लिखकर संदेश देने की कोशिश की। कक्षा 8 की सीमा बड़वाल ने जंगल में स्वच्छता शीर्षक से कहानी लिखी। कहानी में स्वच्छ घर स्वस्थ घर, जहां सोच वहां शौचालय के माध्यम से सफाई रखने का संदेश दिया गया। साथ ही सफाई का संदेश देने के लिए खुली जगह शौच नहीं करने, प्लास्टिक बोतल का उपयोग न करने का संदेश दिया है। वहीं कक्षा 5 की आस्था बिष्ट ने एक परिवार की कहानी के माध्यम से बालिका शिक्षा का संदेश दिया। इसमें एक परिवार में लड़के और लड़की में होने वाले भेद-भाव का दर्द बताया गया। साथ ही एक शिक्षक की सोच के माध्यम से बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने का संदेश भी किया। 

कहानी लेखन प्रतियोगिता के विजेता
कक्षा 1 व 2 वर्ग-

प्रथम-आदेश पाल-राजकीय प्राथमिक विद्यालय नया गांव, देहरादून
द्वितीय-फरहा- राजकीय प्राथमिक विद्यालय नया गांव, देहरादून
तृतीय- अनन्या बिष्ट- राजकीय प्राथमिक विद्यालय महादेव सैंड़, यमकेश्वर पौड़ी

कक्षा 3 से 5 वर्ग
प्रथम- कशिश बिष्ट- राजकीय प्राथमिक विद्यालय महादेव सैंड़, यमकेश्वर पौड़ी
द्वितीय- आस्था बिष्ट- राजकीय प्राथमिक विद्यालय महादेव सैंड़, यमकेश्वर पौड़ी
तृतीय- अंजलि- राजकीय प्राथमिक विद्यालय कंडोली, देहरादून

कक्षा 6 से 8 वर्ग
प्रथम- सीमा बड़वाल-राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिसारी, चंपावत
द्वितीय- अंजलि पांडे- राजकीय कन्या उच्च प्राथमिक विद्यालय, थान डंगोली, बागेश्वर
तृतीय- मनीष गहतोड़ी- राजकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय बिसारी, चंपावत
 

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