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दुर्गा पूजा : दून में सिंदूर खेला के बाद प्रतिमा विसर्जन, दिखा कोलकाता जैसा नजारा

देहरादून में आज दुर्गा पूजा और विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। दुर्गा पूजा के पंडालों में 'सिंदूर खेला' की धूम है। मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन करने से ठीक पहले 'सिंदूर खेला' की...

दुर्गा पूजा : दून में सिंदूर खेला के बाद प्रतिमा विसर्जन, दिखा कोलकाता जैसा नजारा
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनSat, 30 Sep 2017 04:35 PM
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देहरादून में आज दुर्गा पूजा और विजयदशमी का जश्न मनाया जा रहा है। दुर्गा पूजा के पंडालों में 'सिंदूर खेला' की धूम है। मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन करने से ठीक पहले 'सिंदूर खेला' की परंपरा के दौरान देहरादून में कोलकाता जैसा नजारा देखने को मिला।

देहरादून के पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर, टपकेश्वर वैष्णो देवी गुफा मंदिर, माता कालिका मंदिर, रायपुर दुर्गा पंडाल आदि में पूजा अर्चना की गई। कई पूजा पांडालों में नवरात्रि के 10वें यानी दशमी के दिन बंगाली समाज की शादीशुदा महिलांओं ने सबसे पहले दुर्गा मां को सिंदूर लगाकर पूजा अर्चना की फिर एक दूसरे को सिंदूर लगाया। इसे सिंदूर खेला कहते हैं। खासतौर से बंगाली समाज में इसका बहुत महत्व है। दशमी के मौके पर बंगाली लाइब्रेरी स्थित करनपुर के दुर्गा पंडाल में सुबह के समय पूजा अर्चना की गई। रायपुर दुर्गा पंडाल में भी धूमधाम से संदूर खेला का आयोजन किया गया। इसके बाद सभी विसर्जन के लिए निकले।

नवरात्रि पर सिंदूर से क्यों खेलती हैं महिलाएं 

ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा साल में एक बार अपने मायके आती हैं और वह अपने मायके में पांच दिन रुकती हैं, जिसको दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि मां दुर्गा मायके से विदा होकर जब ससुराल जाती हैं, तो सिंदूर से उनकी मांग भरी जाती है। साथ ही दुर्गा मां को पान और मिठाई भी खिलाई जाते हैं।

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