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उत्तराखंड में डॉक्टरों ने 10 अप्रैल को कार्यबहिष्कार पर जाने की चेतावनी दी

एक बार फिर से प्रदेश के सरकारी डाक्टर आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। सीएम से वार्ता के लिए समय नहीं मिल पाने से डॉक्टर खफा हैं। इसे लेकर शनिवार को प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने आपातकालीन बैठक...

उत्तराखंड में डॉक्टरों ने 10 अप्रैल को कार्यबहिष्कार पर जाने की चेतावनी दी
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनSun, 25 Mar 2018 07:02 AM
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एक बार फिर से प्रदेश के सरकारी डाक्टर आंदोलन शुरू करने जा रहे हैं। सीएम से वार्ता के लिए समय नहीं मिल पाने से डॉक्टर खफा हैं। इसे लेकर शनिवार को प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ ने आपातकालीन बैठक हुई। जिसमें 10 अप्रैल से कार्यबहिष्कार का फैसला लिया गया।

प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ की बैठक में सरकार के रवैये पर नाराजगी जताई गई। पदाधकारियों ने कहा कि वार्ता के लिए समय मांगा जा रहा है, लेकिन समय नहीं दिया जा रहा है। पदाधिकारी अपनी मांगों के चलते दफ्तरों के अब चक्कर नहीं काटेंगे। उनके पास आंदोलन ही अंतिम विकल्प है। प्रांतीय चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा संघ के अध्यक्ष डा. डीपी जोशी ने कहा कि एनपीए, एचआर, हिल्सल एलाउंस, डीएसीवी व ट्रासंफर एक्ट का प्रस्ताव न तो स्वास्थ्य महानिदेशालय ने शासन को भेजा और न ही संघ को शासन की ओर से वार्ता का समय दिया जा रहा है।

चिकित्सकों की मांगों को अनुसुना किया जा रहा है। डा. जोशी ने बताया कि 10 अप्रैल से कार्यबहिष्कार शुरू होगा। 12 अप्रैल तक आपातकालीन सेवा और पोस्टमार्टम छोड़कर डॉक्टर बाकी ड्यूटी नहीं करेंगे। 15 अप्रैल तक मांगों पर सरकार ने सकारात्मक रुख नहीं दिखाया तो उसके बाद सभी सेवाओं को बंद कर दिया जाएगा। इसको लेकर श्रीनगर, अल्मोड़ा, हल्द्दानी में बैठक होंगी। बैठक में महासचिव डा. दिनेश चौहान, डा. चारू बहुगुणा, डा. प्रियंका, डा. मेघना असवाल, डा. अजीत मोहन जौहरी, डा. गरिमा पंत, डा. संजीव सिंह आदि मौजूद रहे।

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