उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) के ड्राइवर-कंडक्टर वर्दी नहीं पहन रहे हैं और रोडवेज प्रबंधन कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहा है
उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) के लिए नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश का पालन करवाना चुनौती बन गया है। मोहलत देने के बावजूद ड्राइवर-कंडक्टर वर्दी नहीं पहन रहे हैं और रोडवेज प्रबंधन कार्रवाई से बचने की कोशिश...
उत्तराखंड परिवहन निगम (रोडवेज) के लिए नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश का पालन करवाना चुनौती बन गया है। मोहलत देने के बावजूद ड्राइवर-कंडक्टर वर्दी नहीं पहन रहे हैं और रोडवेज प्रबंधन कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहा है। दरअसल, हाईकोर्ट ने यात्रियों की सुविधा के लिए ड्राइवर और कंडक्टर के लिए वर्दी जरूरी करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश जुलाई माह में हो चुके थे, लेकिन अभी लागू नहीं हो पाए। रोडवेज प्रबंधन ने हालांकि, इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। इसके लिए ड्राइवर और कंडक्टर को हर माह सौ रुपये वर्दी भत्ता देने का फैसला लिया गया। प्रबंधन ने सभी सहायक महाप्रबंधक को वर्दी जरूरी करने के आदेश दिए। इस बीच कर्मचारी यूनियनों ने वर्दी के लिए कुछ समय मांगा तो प्रबंधन ने 15 सितंबर तक की मोहलत दी, लेकिन यह तिथि बीतने के बाद भी ड्राइवर और कंडक्टर वर्दी नहीं पहन रहे हैं। रोडवेज की कर्मचारी यूनियनें वर्दी का विरोध कर रही हैं। उनका तर्क है कि सौ रुपये में दो वर्दी सिलवाना संभव नहीं है। उनका यहां तक कहना है कि रोडवेज प्रबंधन जब वेतन ही समय पर नहीं दे पा रहा है तो वर्दी भत्ता कैसे देगा।
वर्दी जरूरी करने का आदेश सभी डिपो को भेज दिया गया है। कुछ ड्राइवर और कंडक्टरों ने वर्दी पहनना शुरू भी कर दिया है। वर्दी सभी पहनें, इसके लिए फिर से सहायक महाप्रबंधकों को रिमाइंडर भेजा जाएगा। इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दीपक जैन, महाप्रबंधक (संचालन)