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दुग्ध सहकारिताओं की गोष्ठी में पेश की गई चुनौतियां

प्रदेश की दुग्ध सहकारिताओं के सुदृढ़ीकरण पर शनिवार को दून विश्वविद्यालय में विचार गोष्ठी का आयोजन किया...

दुग्ध सहकारिताओं की गोष्ठी में पेश की गई चुनौतियां
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनSat, 18 Jan 2020 07:37 PM
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दुग्ध उत्पादन लक्ष्य के सापेक्ष 60 प्रतिशत से कम पूर्ति करने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी। साथ ही जिन दुग्ध संघो में 2000 लीटर से कम दुग्ध उपार्जन किया जा रहा है उनके भविष्य में संचालन के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाकर रिपोर्ट पेश करने के दुग्ध मंत्री धन सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं। उन्होंने राज्य सरकार की सभी योजनाओं के अनुदान की धनराशि सीधे लाभार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से डालने के भेजने और काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों की समीक्षा कर कार्रवाई के भी निर्देश दिए।

दून विश्वविद्यालय परिसर में शनिवार को दुग्ध सहकारिताओं के सुदृढ़ीकरण पर आयोजित विचार गोष्ठी का दुग्ध विकास एवं सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत, लालकुआं विधायक नवीन चंद्र दुम्का ने दीप जलाकर विचार गोष्ठी का उद्घाटन किया। कार्यक्रम में सबसे पहले विभाग के संयुक्त निदेशक जयदीप अरोड़ा ने विभाग का प्रजेंटेशन दिया। इसमें राज्य बनने के बाद से 2018-19 तक दुग्ध उत्पादन, बिक्री, दुग्ध संघों के कार्यों को पेश किया गया। बताया कि राज्य में दूध प्रोडेक्ट की बिक्री बढ़ी है। वहीं नैनीताल दुग्ध उत्पादन में सबसे आगे है। मौजूदा समय में टिहरी जिला घाटे में चल रहा है। जबकि हरिद्वार जिले में उत्पादन और बिक्री दोनों की कम है, जो चिंता का विषय है। कहा कि विभाग में कर्मचारियों की कमी, पुरानी टेक्नोलॉजी, कुछ जिलों में भुगतान में देरी, मांग के अनुरूप दाम नहीं देने, वेटरनी, चारा आदि की कमी, अच्छा दूध देने वाले पशुओं की कमी से विभाग के सामने चुनौती हो रही हैं। साथ ही बाजार में दूध की क्वालिटी, मार्केटिंग स्टाफ, प्राइवेट ब्रांड से मुकाबले की तैयारी को लेकर भी चुनौती रखी। बैठक में नाबार्ड से संचालित डेयरी क्षेत्र की योजनाओं के साथ ही देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में गाय के गोबर व गोमूत्र से तैयार किए जा रहे उत्पादों के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया गया। मंत्री ने हरिद्वार और पिथौरागढ़ में दुग्ध उत्पादन कम होने की भी समीक्षा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।

गोष्ठी में दर्जाधारी राजवीर सिंह, राज्य सहकारी परिषद के उपाध्यक्ष हयात सिंह मेहरा, डेयरी विभाग के निदेशक नागेंद्र सिंह नग्याल, पशुपालन विभाग के निदेशक केके जोशी, नाबार्ड से सुनील चावला, यूसीडीएफ की अध्यक्ष रेखा देवी, दुग्ध संघों के अध्यक्ष मुकेश बोरा, जगदंबा बेलवाल, डा. रजनीश संत, विनोद भट्ट, विश्नेश्वरी देवी, पार्वती देवी आदि मौजूद रहे।

मंत्री ने खुद लगाई हाजिरी

गोष्ठी के दौरान दुग्ध विकास मंत्री धन सिंह रावत ने उपस्थित कर्मचारियों की हाजिरी लगाने लगे। दरअसल कार्यक्रम में प्रजेंटेशन खत्म होने के बाद धन सिंह रावत ने उपस्थित कर्मचारियों के बारे में पूछा तो कुछ कर्मचारी कम बताए गए। इसके बाद मंत्री खुद उपस्थित कर्मचारियों के हाथ खड़े करवाकर हाजिरी लेने लगे। सबसे पहले जीएम के बारे में पूछा गया। इसके बाद एमआई की हाजरी मंत्री ने ली। इसमें 3-4 एमआई गोष्ठी में नहीं पहुंचे थे। इसके बाद मंत्री ने एसएमआई, जीएमएस की हाजरी खुद ली। गोष्ठी में मौजूद सही अधिकारियों की रजिस्टर में हाजिरी लेने के साथ ही गैर हाजिर लोगों के बारे में पूछने लगे। इस दौरान मीडिया को गोष्ठी कक्ष में देखकर कहा कि आप लोग बाहर बैठो मैं आ रहा हूं। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि दो घंटे बाद वो गोष्ठी में दोबारा लौटेंगे। गैरहाजिर कर्मचारियों के बारे में सवाल पूछने पर मंत्री ने कहा कि कुछ लोग हो सकते हैं छुट्टी पर हों। मगर फिर भी जो लोग मौजूद नहीं होंगे, उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई होगी। वहीं देर शाम तक अनुपस्थित कर्मचारियो से जवाब तलब कर लिया गया है।

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