डीजी ने दी शिक्षकों का वेतन जारी करने की अनुमति
बच्चों को सरकार की ओर से नई ड्रेस दी जानी थी। इसके लिए समग्र शिक्षा की ओर से सभी स्कूलों को प्रति बच्चा छह सौ रुपए का बजट दिया गया था। लेकिन...
स्कूल ड्रेस का बजट खर्च ना हो पाने और छात्रों तक ड्रेस या पैसा नहीं पहुंचने पर रोका गया शिक्षकों का वेतन जल्द जारी कर दिया जाएगा। महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को वेतन जारी करने की अनुमति दे दी है।
जुलाई में नए सत्र के साथ सरकारी स्कूलों के बच्चों को सरकार की ओर से नई ड्रेस दी जानी थी। इसके लिए समग्र शिक्षा की ओर से सभी स्कूलों को प्रति बच्चा छह सौ रुपए का बजट दिया गया था। लेकिन ज्यादातर स्कूलों में अब तक ड्रेस नहीं मिल पायी है। स्कूलों का कहना है कि छह सौ रुपए में दो ड्रेस मिलने में काफी दिक्कत हो रही है। इसके लिए वेंडर तैयार नहीं हो रहे हैं। वहीं इस पैसे को खातों में डालने के लिए बच्चों के व्यक्तिगत खाते खुलवाए जाने हैं। लेकिन बच्चों के पास आधार या अन्य दस्तावेज ना होने से इसमें भी दिक्कत आ रही है। इन्हीं दो कारणों से अब तक ड्रेस का बजट खर्च नहीं हो पाया है। लेकिन बजट खर्च ना होने के कारण समग्र शिक्षा ने जिले के समग्र शिक्षा के तहत संचालित स्कूलों के शिक्षकों को वेतन रोक दिया था। इसका विरोध करते हुए शिक्षकों ने मुख्य शिक्षा अधिकारी से मांग की थी कि वेतन जारी किया जाए। राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रावत का कहना था कि गैर शैक्षणिक कामों के लिए शिक्षकों का वेतन रोका जाना गलत है। इस खबर को आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने शनिवार तीन अगस्त के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद डीजी बंशीधर तिवारी ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को वेतन जारी करने की अनुमति दे दी।
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