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मिर्गी दवा केस में अपराधी को पुलिस गिरफ्त से छुड़ाने दौड़े थे ये लोग, मिली सजा

ऋषिकेश स्थित नीरज क्लीनिक के संचालक डॉ. आरके गुप्ता को कोर्ट ने मिर्गी रोग के इलाज में गलत दवाएं बांटने के आरोप में कुल साढ़े छह साल की सजा सुनाई है। अगस्त 2004 में गिरफ्तारी के दौरान गुप्ता को पुलिस...

मिर्गी दवा केस में अपराधी को पुलिस गिरफ्त से छुड़ाने दौड़े थे ये लोग, मिली सजा
देहरादून, अंकित चौधरीThu, 21 Dec 2017 11:55 AM
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ऋषिकेश स्थित नीरज क्लीनिक के संचालक डॉ. आरके गुप्ता को कोर्ट ने मिर्गी रोग के इलाज में गलत दवाएं बांटने के आरोप में कुल साढ़े छह साल की सजा सुनाई है। अगस्त 2004 में गिरफ्तारी के दौरान गुप्ता को पुलिस से छुड़ाकर भगाने के आरोप में ऋषिकेश के कई जाने-माने लोगों समेत 14 को भी कोर्ट ने जेल की सजा सुनाई है। 

बुधवार दोपहर बाद जैसे ही अदालत ने कठघरे में खड़े आरके गुप्ता समेत 15 अभियुक्तों को दोषी करार दिया गया तो सभी के चेहरे उतर गए। हालांकि, इसके बाद जब अदालत ने सजा का फैसला सुनाया तो आरके गुप्ता को छोड़कर अन्य दोषियों के चेहरे पर कुछ हद तक राहत दिखाई दी, कारण सजा कम होने से उन्हें जमानत मिल गई। इस तरह कुल 15 दोषियों में केवल आरके गुप्ता को ही जेल जाना पड़ा। क्योंकि गुप्ता को धोखाधड़ी की एक धारा में ही पांच वर्ष की सजा सुनाई गई।

अन्य दोषियों को किसी एक धारा में एक-एक वर्ष से ज्यादा की सजा नहीं हुई। ऐसे में उन्हें अदालत से जमानत देकर रिहा कर दिया गया। आरोपियों की जमानत के लिए पहले से ही अदालत के बाहर कई लोग मौजूद थे। जिन्होंने तत्काल 14 आरोपियों की जमानत ले ली। सहायक अभियोजन अधिकारी यशदीप श्रीवास्तव ने बताया कि किसी एक धारा में तीन वर्ष से ज्यादा की सजा होने पर दोषी को जेल जाना पड़ता है। इसके बाद जमानत के लिए ऊपरी अदालत में जाना होता है।

ऋषिकेश के चर्चित मिर्गी दवा केस में फैसला, संचालक गुप्ता समेत कई नामी लोगों को कैद

ऋषिकेश के जाने–माने लोग नप गए

आरके गुप्ता का तब शहर में रसूख किस कदर था, इसका अंदाजा उन्हें भगाने वाले लोगों के प्रोफाइल से पता चल जाता है। इसमें पालिका के अध्यक्ष से लेकर सभासद, भाजपा कांग्रेस के नेता और शहर के व्यापारमंडल के पदाधिकारी तक शामिल थे। 

दवा में फर्जीवाड़ा की शिकायत पर पुलिस शिकंजे में आए आरके गुप्ता को कोतवाली से छुड़ाने वाले ऋषिकेश के नेता, कारोबारी और पत्रकारों को मिली सजा कानून से खिलवाड़ करने वालों के लिए एक सबक है। अक्सर अपने को प्रभावशाली समझने वाले कई छोटे-बडे़ नेता अपराधियों की मदद के लिए पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। कई लोग पुलिस से भिड़ जाते हैं और हंगामा खड़ा कर देते हैं। ऐसे लोगों के लिए यह फैसला बड़ा सबक है।

दीप शर्मा: निवर्तमान पालिकाध्यक्ष हैं और राजनीति के क्षेत्र में काफी प्रभावशाली माने जाते हैं। जिस दौरान उन पर डा. गुप्ता को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने का केस दर्ज हुआ था तब भी शर्मा नगर पालिकाध्यक्ष थे।

स्नेहलता शर्मा: पूर्व पालिकाध्यक्ष और भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य हैं। ऋषिकेश के राजनीति में अब भी अच्छा खासा दखल है। सजा के बाद राजनीति को झटका लगना तय है। 

अनिता वशिष्ठ:  तत्कालीन कांग्रेस सरकार में दर्जाधारी राज्य मंत्री रह चुकी हैं और वर्तमान में कांग्रेस की सक्रिय कार्यकर्ता हैं। कई बार पार्षद रह चुकी हैं। ऐन निकाय चुनाव से पहले सजा से लगा झटका। 

कविता शाह: निवर्तमान पालिका सभासद हैं और भाजपा महिला मोर्चा में पदाधिकारी हैं। कविता पर भी बवाल में शामिल होने का आरोप। वर्तमान में शहर की राजनीति में जाना पहचाना नाम है। 

राहुल शर्मा: नगर पालिका के पूर्व सभासद हैं और कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता हैं और वर्तमान में नगर निगम में पार्षद का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। 

रवि जैन: पालिका के पूर्व सभासद हैं। वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी हैं और टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार है। सजा के ऐलान से मुश्किल में फंसे। 

अरविंद शाह: कुम्हारबाडा, पुष्कर मंदिर मार्ग निवासी अरविंद शाह नगर पालिका के पूर्व सभासद हैं और शहर के प्रतिष्ठित इंटर कालेज में शिक्षक हैं। सजा मुकर्रर होने से संकट में हैं। 

राजकुमार अग्रवाल: मनिराम मार्ग निवासी राजकुमार अग्रवाल देवभूमि उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के प्रदेशाध्यक्ष हैं और शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी हैं। 

प्यारेलाल जुगरान: सोमेश्वर नगर निवासी पालिका के पूर्व सभासद रहे हैं, वर्तमान में जुगरान का  टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार है।

यशपाल पंवार: देहरादून मार्ग निवासी यशपाल पंवार ज्वैलर्स हैं। पंवार ऋषिकेश स्वर्ण आभूषण विक्रेता संघ के अध्यक्ष और मेडिकल स्टोर संचालक हैं। 

अशोक अश्क:  इंदिरा नगर ऋषिकेश निवासी अशोक अश्क पत्रकार हैं। उन पर भी बवाल में शामिल होने का आरोप है। अशोक अश्क को भी चार साल की सजा हुई है। 

जयदत्त शर्मा: आदर्शनगर निवासी जयदत्त शर्मा नगर उद्योग व्यापार मंडल के नगराध्यक्ष हैं। जयदत्त शर्मा को अलग अलग धाराओं में कुल पांच साल की सजा हुई है। 

डीएस रावत: दून रोड स्थित आरके गुप्ता के नीरज क्लीनिक में कर्मचारी थे। रानीपोखरी निवासी रावत को भी पांच साल की सजा सुनाई गई है। 
कृष्ण कुमार उर्फ कृष्णा: नीरज क्लीनिक में सलाहकार के रूप में कार्यरत थे, उन पर भी बवाल के आरोप साबित हुए हैं, साढ़े पांच साल की सजा मिली।  

अदालत से निकलते ही मांगा पानी

सजा सुनाए जाने के बाद पुलिसकर्मी जैसी ही आरके गुप्ता को कोर्ट के कठघरे से हवालात में ले जाने लगे तो उसने सबसे पहले पुलिसकर्मियों से पानी की मांग की। पुलिसकर्मी गुप्ता को हवालात की तरफ से गए। वहां उन्होंेने पानी पिया। कागजी कार्रवाई पूरी नहीं होने के चलते उसे वापस अदालत में लाया गया। 

13 साल बाद फिर सुर्खियों में 

एक जमाने में ऋषिकेश के हर छोटे बड़े आयोजनों में शामिल होने वाले आरके गुप्ता 13 साल बाद फिर सुर्खियों में आ गए हैं। बुधवार को उन्हें सजा का ऐलान होते ही, उनके क्लीनिक और घर के बाहर फिर हलचल शुरू हो गई। बुधवार को कोर्ट से सजा एलान होते ही तीर्थनगरी ऋषिकेश में हलचल हो गई। लोग मोबाइल से संपर्क साध एक दूसरे इस मामले में जानकारी जुटाते नजर आए। उस समय छापेमारी का विरोध करने वाले 14 लोगों की जमानत कराने के लिए तीर्थनगरी से कुछ वकीलों ने दून का रूख कर लिया। 

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