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राजधानी के इस क्षेत्र में बढ़े कोराना संक्रमित, जानिए नाम 

ग्रामीण क्षेत्र विलासपुर कांडली में कोरोना तेजी से फैल रहा है। अभी तक 50 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमति हो चुके हैं। इनमें से दो की मृत्यु हो गई है। इस गांव में तेजी से फैल रही बीमारी के बावजूद अभी तक...

राजधानी के इस क्षेत्र में बढ़े कोराना संक्रमित, जानिए नाम 
हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनMon, 10 May 2021 12:55 PM
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ग्रामीण क्षेत्र विलासपुर कांडली में कोरोना तेजी से फैल रहा है। अभी तक 50 से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमति हो चुके हैं। इनमें से दो की मृत्यु हो गई है। इस गांव में तेजी से फैल रही बीमारी के बावजूद अभी तक कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोरोना जांच के लिए कोई कैंप नहीं लगाया गया है। ग्राम प्रधान की ओर से कोरोना जांच व कोरोना टीकाकरण सेंटर की मांग लगातार की जा रही है। 
विलासपुर कांडली के ग्राम प्रधान लव कुमार तमंग ने बताया कि वर्तमान समय में 35 से ज्यादा लोगों का उपचार अभी भी होम आइसोलेशन में चल रहा है। कोरोना संक्रमण ना फैले, इसे देखते हुए समय- समय पर पूरे गांव को सेनेटाइज किया जा रहा है। बावजूद कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
उन्होंने कहा कि कई ऐसे लोग भी हैं जो बीमार हैं, लेकिन वे जांच कराने नहीं जा रहे हैं। ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनसे अनुरोध किया जा रहा है कि  वे कोरोना जांच अवश्य करा लें। बताया कि उनके गांव की आबादी करीब 4000 है। इसमें मसंदावाला गांव की आबादी भी शामिल है। जिसमें से मात्र 10 प्रतिशत लोगों ने ही कोरोना जांच करवाई है। कोरोना के बढ़ रहे मामले से गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्राम प्रधान ने कहा कि संक्रमित लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाई की किट उपलब्ध कराई गई है।

ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग
ग्राम प्रधान ने सांसद प्रतिनिधि व  क्षेत्रीय नेताओं से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कई ऐसे मरीज हैं जिन्हें अस्पताल में उपचार की आवश्यकता है, लेकिन बेड और ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से वे मजबूरी में होम आइसोलेशन में है। अगर गांव के लिए कम से कम दो ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर दी जाए तो आपातकाल में मरीजों को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर पहले से ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था उनके पास होती तो शायद एक दिन पहले कोरोना संक्रमित प्रभा देवी को मौत से बचाया जा सकता था।
आम मरीजों के लिए नहीं कोई अस्पताल
 ग्राम प्रधान ने कहा कि उनके यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। आम मरीज पहले कैंट अस्पताल में उपचार के लिए जाते थे। लेकिन वहां भी आजकल सामान्य मरीजों का उपचार नहीं किया जा रहा है। ऐसे में 10 किलोमीटर की दूरी तय कर सामान्य मरीज दून या कोरोनेशन में उपचार कराने के लिए भटक रहे हैं।  

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