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पर्यटक जोड़े की हत्या से बदनाम हुई थी पहाड़ की शांत वादियां, अब मिला इंसाफ

देहरादून जिले के चकराता में पर्यटक जोड़े के दिल दहलाने वाले हत्याकांड ने उत्तराखंड की शांत वादियां शर्मसार हो गयी थीं। इस पूरी घटना से अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध जौनसार बावर क्षेत्र को...

पर्यटक जोड़े की हत्या से बदनाम हुई थी पहाड़ की शांत वादियां, अब मिला इंसाफ
देहरादून, लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 30 Mar 2018 02:44 PM
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देहरादून जिले के चकराता में पर्यटक जोड़े के दिल दहलाने वाले हत्याकांड ने उत्तराखंड की शांत वादियां शर्मसार हो गयी थीं। इस पूरी घटना से अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध जौनसार बावर क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था। शांत फिजाओं के लिए जाने वाले चकराता की छवि पूरे देश में धूमिल हो गई थी। सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले क्राइम पेट्रोल में भी इस हत्याकांड पर स्टोरी दिखाई गयी थी।  

अक्तूबर 2014 में हुए इस हत्याकांड के बाद से चकराता क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या में भी तेजी से कमी आने लगी थी। इस दौरान हत्यारोपी के खिलाफ सड़कों पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। आए दिन लोग सड़क पर उतर कर हत्यारोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे थे। थाने का घेराव कर हत्यारोपी को फांसी की सजा देने की मांग की जाने लगी थी। 

खत बनगांव की पंचायत ने आरोपियों के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया था। ग्रामीणों ने एक स्वर में आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। परिजनों ने भी शर्मिंदगी जताते हुए आरोपियों से किसी भी प्रकार का रिश्ता न रखने की बात कही थी। पर्यटक जोड़े की हत्या से लोगों में गलत संदेश गया था। ऐसे में आरोपियों को लेकर स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा था। कोर्ट का फैसला आने के बाद पीड़ित परिवारों को इंसाफ मिला है। हालांकि चारों आरोपियों के परिवारों के लिए यह सजा हिला देने वाली है।

पूरा घटनाक्रम एक नजर में 

22 अक्तूबर 2014- दिल्ली निवासी सैलानी जोड़ा (अभिजीत और उसकी प्रेमिका) चकराता घूमने आया।
23 अक्तूबर 2014- चकराता स्थित टाइगर फॉल घूमने के दौरान दोनों लापता हो गए।
29 अक्तूबर 2014- युवती के पिता ने दिल्ली के साकेत थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई।
30 अक्तूबर 2014- अभिजीत का शव नौगांव चौकी क्षेत्र में मिला।
10 नवंबर 2014- 10 नवंबर को पूछताछ में चालक राजूदास ने अपने साथियों बबलू, गुड्डू और कुंदन के साथ मिलकर हत्या की बात कबूली।
11 नवंबर 2014- आरोपियों की गिरफ्तारी पर उन्हें फांसी देने की मांग पर चकराता के लोगों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया।
13 नवंबर 2014- डामठा उत्तरकाशी के पास यमुना नदी में युवती का शव मिला।
27 मार्च 2018- कोर्ट ने सबूतों और गवाहों के मद्देनजर चारों आरोपियों को दोषी करार दिया।
30 मार्च 2018- कोर्ट ने मुख्य आरोपी राजू दास को फांसी और बाकी तीन सहयोगियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

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