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फ्लैट में देरी: बिल्डर को जमा रकम पर देना होगा ब्याज

बिल्डर को फ्लैट आवंटन के लिए एडवांस में 77 फीसदी धनराशि देने के बावजूद शिकायकर्ता को फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया गया। शिकायकर्ता ने उत्तराखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकरण की शरण ली। प्राधिकरण की ओर से जारी...

फ्लैट में देरी: बिल्डर को जमा रकम पर देना होगा ब्याज
लाइव हिन्दुस्तान टीम,देहरादून Tue, 18 Sep 2018 04:56 PM
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बिल्डर को फ्लैट आवंटन के लिए एडवांस में 77 फीसदी धनराशि देने के बावजूद शिकायकर्ता को फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया गया। शिकायकर्ता ने उत्तराखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकरण की शरण ली। प्राधिकरण की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि फ्लैट के लिए जो भी भुगतान किया है, उस भुगतान  पर 10.65 प्रतिशत के हिसाब से बिल्डर को शिकायकर्ता को ब्याज देना होगा। दिल्ली निवासी अजय जुगरान ने  पैराटस रियल स्टेट प्राइवेट लिमिटेड के मसूरी रोड बगराल गांव में हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट आवंटन को आवेदन किया।  जुगरान ने चार जनवरी 2014 को चेक के जरिए 503940 का भुगतान करके प्रोजेक्ट में एक अपार्टमेट बुक कराया। प्लान की शर्तों के तहत छठे तल में फ्लैट आवंटित किया गया। बिल्डर और शिकायकर्ता के बीच अपार्टमेंट बायर एग्रीमेंट हुआ। जुगरान को बाकी रकम का भुगतान 11 किश्तों में करना था। एग्रीमेंट के तहत बिल्डर को 30 माह के भीतर छह माह के ग्रेस पीरियड के साथ प्रोजेक्ट का निर्माण कर शिकायकर्ता को अपार्टमेंट में कब्जा देना था। शिकायकर्ता ने समय-समय पर बिल्डर की मांग के अनुसार भुगतान किया, लेकिन 25 मई 2016 को बिल्डर ने 134604 ब्याज की डिमांड की। इसका जुगरान ने विरोध किया। फिर से उन्हें 180525 रुपये  ब्याज डिमांड बिल्डर भेज दिया। शिकायकर्ता ने इसे भी देने से मना कर दिया तो एक और बार बिल्डर ने 201511 ब्याज की डिमांड जुगरान को दी। जुगरान ने इसका विरोध किया और 18 जनवरी 2018 को बिल्डर को कानूनी नोटिस भेजा। इस पर बिल्डर का जवाब रहा कि किश्तों में देरी से भुगतान करने पर ब्याज लगाया गया है। उत्तराखंड भू-संपदा नियामक प्राधिकरण में सुनवाई हुई। कहा कि शिकायकर्ता को 29 मार्च 2017 तक आवंटित फ्लैट का कब्जा दिया जाना था, लेकिन बिल्डर ने कब्जा नहीं दिया। समस्त विवेचना के आधार पर प्राधिकरण ने ये पाया कि बिल्डर ने अपार्टमेंट में कब्जा देने में विलंब किया है। आदेश दिया कि बिल्डर शिकायतकर्ता जुगरान को कुल भुगतान का 10.65 फीसदी ब्याज देगा। साथ ही कहा कि शिकायतकर्ता की ओर से किस्तों के विलंब के लिए कोई ब्याज देय बनता है तो बिल्डर उसकी सही गणना दर्शाते हुए शिकायकर्ता को संशोधित डिमांड भेजे। पूर्व में भेजी गई ब्याज की डिमांड को वापस लिया जाए।  

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