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बार एसोसिएशन ऑफ दून ने आंदोलन को चेताया

बार एसोसिएशन ऑफ दून ने पुराना जेल परिसर में अधिवक्ताओं के चैंबर्स निर्माण के लिए दी गई भूमि को बार एसोसिएशन को आवंटित न होने पर आंदोलन को चेताया है। उन्होंने जल्द चार मांगों के पूरा नहीं होने पर 13...

बार एसोसिएशन ऑफ दून ने आंदोलन को चेताया
लाइव हिन्दुस्तान टीम, देहरादूनThu, 05 Dec 2019 08:10 PM
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बार एसोसिएशन ऑफ दून ने पुराना जेल परिसर में अधिवक्ताओं के चैंबर्स निर्माण के लिए दी गई भूमि को बार एसोसिएशन को आवंटित न होने पर आंदोलन को चेताया है। उन्होंने जल्द चार मांगों के पूरा नहीं होने पर 13 दिसंबर को सचिवालय कूच की चेतावनी दी है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर घोषणा को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया।  गुरुवार को बार एसोसिएशन ऑफ दून के कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव अनिलकुमार शर्मा ने राज्य सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में कचहरी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने पुराना जेल परिसर बार एसोसिएशन दून के अधिवक्ताओं के चैंबर्स निर्माण के लिए जमीन देने की घोषणा की थी। कार्यक्रम में  कहा कि अभी तक भी बार एसोसिएशन को जमीन पर कब्जा नहीं मिला है।

न ही जमीन दस्तावेजों में एसोसिएशन के नाम ट्रांसफर हुई है। आरोप लगाया कि इसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में पड़ा है। उन्होंने कहा कि यह जमीन पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, होमगार्ड विभाग और दून मेडिकल कॉलेज को दी गई है, इसके बाद अधिवक्ताओं को देने की घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रतिनिधिमंडल ने सीएम से मुलाकात की, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उन्होंने अन्य राज्योंकी तरह उत्तराखंड में भी एडवोकेट प्रोटेक्शन ऐक्ट लागू करने, कल्याणकारी योजनाओं के लिए कल्याण कोष की स्थापना करने की मांग की। अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने नौ नवंबर 2000 से पूर्व के अधिवक्ताओं को राज्य आंदोलनकारी घोषित करने की मांग की। कहा कि आंदोलन के दौरान उप्र पुलिस ने बर्बरता कर लोगों को फैजाबाद, गोरखपुर की जेल में भेज दिया था। उस दौरान वकीलों ने अपनी जेब से रुपये की व्यवस्था कर लोगों को गंतव्य तक पहुंचने में सहायता की।
 

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