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महाभोज नाटक मंचन में सत्ता की कमियों से रूबरू हुए दर्शक

संस्कृति विभाग की ओर से चल रहे 21 वें भारत रंग महोत्सव के छठे दिन प्रसिद्ध कहानीकार और लेखिका मन्नू भंडारी के चर्चित उपन्यास महाभोज पर नाटक का मंचन किया गया। इस दौरान कलाकारों ने नाटक के माध्यम से...

महाभोज नाटक मंचन में सत्ता की कमियों से रूबरू हुए दर्शक
हिन्दुस्तान टीम,देहरादूनTue, 11 Feb 2020 07:05 PM
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संस्कृति विभाग की ओर से चल रहे 21 वें भारत रंग महोत्सव के छठे दिन प्रसिद्ध कहानीकार और लेखिका मन्नू भंडारी के चर्चित उपन्यास महाभोज पर नाटक का मंचन किया गया। इस दौरान कलाकारों ने नाटक के माध्यम से सत्ता की कमियों से दर्शकों को रूबरु करवाया।

मंगलवार को रिस्पना पुल स्थित संस्कृति विभाग के नए प्रेक्षागृह में महाभोज नाटक का मंचन कलाकारों ने निर्देशक अनूप बराल के निर्देशन में किया। मंडला थिएटर नेपाल की रचनात्मक शैली पर फिल्माए गए नाटक की शुरूआत सरोहा नामक गांव की पृष्टभूमि के साथ शुरू होता हैं। नाटक मंचन के माध्यम से पात्रों ने बताया कि कैसे राजनीति, प्रेस, और पुलिस एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। किस तरह से मूक जनता इनके चक्रव्यूह में कैद है। नाटक की शुरूआत सरोहा नामक गांव में बिस्सू नामक पात्र की हत्या से शुरू होती हैं। उसके बाद किस तरह हिंसक गतिविधियों की खबर मीडिया को प्रभावित करते हुए राजनीति और पुलिस बल के केंद्र में आग भड़काती हुई शहर में फैल जाती हैं। नाटक के जरिए कलाकारों ने सत्ता में निहित कमियों और पाखंड को दिखाया। नाटक में वर्तमान प्रसंग को भी शामिल किया। साथ ही दिखाया गया कि किस तरह सत्ता किस तरह मीडिया और नौकरशाही का भरपूर उपयोग करती है।

यह लोग रहे मौजूद

सृजना सुब्बा, रमेश बुड़ाकोटि, दयाहंग राय, विजय बराल, बिप्लव प्रतीक, भवानी गिरि, प्रदीप कुमार चौधरी, उमेश तमांग, घनश्याम जोशी, सपना चौधरी, सागर दहल, अर्जेश रेग्मो, सबिन धनाल आदि मौजूद रहे।

अंतिम दिन होगा नसिका पुराण नाटक मंचन

21 वें रंगमहोत्सव के अंतिम दिन बुधवार को प्रसिद्ध लेखक अशोक मुखोपाध्याय का बंगाली भाषा में लिखित नासिका पुराण नाटक का मंचन किया जाएगा। ढाई घंटे की अवधि का नाटक शाम साढ़े छह बजे शुरू होगा।

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