निकाय चुनाव में अब दिल खोलकर खर्च कर सकेंगे प्रत्याशी, दोगुना हुई राशि
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निकाय चुनावों के लिए दावेदारों की खर्च सीमा दोगुनी कर दी है। राजनीतिक दल भी खर्च सीमा बढ़ाने की पैरवी कर रहे थे। नामांकन पत्रों की फीस नहीं बढ़ाई गई है अलबत्ता, एससी-एसटी के...
राज्य निर्वाचन आयुक्त ने निकाय चुनावों के लिए दावेदारों की खर्च सीमा दोगुनी कर दी है। राजनीतिक दल भी खर्च सीमा बढ़ाने की पैरवी कर रहे थे। नामांकन पत्रों की फीस नहीं बढ़ाई गई है अलबत्ता, एससी-एसटी के दावेदारों को सामान्य प्रत्याशियों के मुकाबले आधा नामांकन शुल्क देना होगा। इसके आदेश बुधवार को जारी किए गए।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबर्द्धन ने बताया कि निकाय चुनावों में शामिल होने वाले दावेदारों के लिए नामांकन शुल्क, जमानत धनराशि और व्यय की अधिकतम सीमा निर्धारित कर दी गई है। निगमों में मेयर के प्रत्याशी के लिए नामांकन पत्र का शुल्क 800 रुपये जबकि एससी, एसटी, पिछड़ा व महिला उम्मीदवारों के लिए यह 400 रुपये रखा गया है। इसी तरह जमानत राशि भी सामान्य पुरुष प्रत्याशी के लिए 12,000 रुपये जबकि अन्य के लिए यह 6000 रुपये तय की गई है।
डिप्टी मेयर व सभासद के सामान्य जाति के प्रत्याशियों के लिए नामांकन शुल्क 400 और अन्य के लिए 200 रुपये निर्धारित है। जमानत राशि क्रमश: 5,000 और 2,500 रुपये नियत की है। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुबर्द्धन का कहना है कि चुनाव प्रचार के खर्च की सीमा पांच साल बाद बढ़ाई गई है। निकायों के नए वोटर बनाने का काम तेजी से चल रहा है। 15 मार्च तक सूची को अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
प्रत्याशियों की खर्च सीमा
नगर निगम
पद पहले अब
मेयर 08 लाख 16 लाख
डिप्टी मेयर 01 लाख 02 लाख
सभासद 01 लाख 02 लाख
नगर पालिका
पद पहले अब
अध्यक्ष (10 वार्ड) 02 लाख 04 लाख
अध्यक्ष (10 से ज्यादा) 03 लाख 06 लाख
सदस्य 30,000 60,000
नगर पंचायत
पद पहले अब
अध्यक्ष 01 लाख 02 लाख
सदस्य 15,000 30,000
आंकड़े रुपये में