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कौथिग 2017 : विश्व धरोहर ‘रम्याण’ की शानदार प्रस्तुति को दर्शक देखते ही रह गए...

अखिल गढ़वाल सभा के कौथिग 2017 में छठवें दिन यूनेस्को से विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित लोकनाट्य रम्माण का मंचन खुले मंच पर किया गया। देहरादून में पहली बार रम्माण का आयोजन देखकर दर्शक रोमांचित हो...

कौथिग 2017 : विश्व धरोहर ‘रम्याण’ की शानदार प्रस्तुति को दर्शक देखते ही रह गए...
देहरादून। कार्यालय संवाददाताTue, 31 Oct 2017 02:51 PM
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अखिल गढ़वाल सभा के कौथिग 2017 में छठवें दिन यूनेस्को से विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित लोकनाट्य रम्माण का मंचन खुले मंच पर किया गया। देहरादून में पहली बार रम्माण का आयोजन देखकर दर्शक रोमांचित हो उठे।

परेड ग्राउंड में चल रहे आयोजन की छठी शाम खासी आकर्षक रही। अधिकांश दर्शकों ने रम्माण का सिर्फ नाम ही सुना था। इसलिए इस लोकनाट्य को लेकर उनमें उत्सुकता काफी ज्यादा थी। फूलों की घाटी के बाद यह उत्तराखंड की दूसरी सांस्कृतिक धरोहर है। रम्माण को लेकर आए सुदूर जोशीमठ के सलूड-डुंगरा क्षेत्र के 40 कलाकारों के दल ने पूरे उत्साह व आत्मविश्वास के साथ अपनी प्रस्तुति दी। कलाकारों ने 18 मुखौटों के जरिए पृथ्वी की उत्पत्ति, शक्ति उपासना, गणेश की उत्पत्ति, महाभारत की लीला, गोपीचंद का नृत्य रामायण की झलकी, राणी राधिका, मोर मोरण्या, बणिया-वणिया, कुरु जोगी, माल आदि प्रसंग पर नृत्य किए। 18 ताल पर कलाकारों ने नृत्य किया और अपना नृत्य कौशल दिखाया।

मंचन के दौरान बज रही स्वर लहरियां व गायन रोमांच की पराकाष्ठा थी। कलाकारों में बुढदेवा के किरदार में डा.कुशल भंडारी, राधिका भागवत चौहान, राम सुधीर कुंवर, लक्ष्मण प्रदीप कुंवर, कुरु जोगी मोहन सिंह कुंवर, हनुमान रवि फरस्वाण, रम्माण जागर गायन में भरत सिंह रावत, भरत सिंह भंडारी, देवेन्द्र सिंह पंवार, देवेन्द्र सिंह कुंवर, मोहन सिंह कुंवर, देवेंद्र कुंवर, प्रदीप सिंह बिष्ट, दिनेश सिंह नेगी, हीरा सिंह पंवार, मुकेश कुंवर, जगदीश चौहान, कपिल, राजेन्द्र सिंह भंडारी, प्रदीप बिष्ट, पंकज कुंवर, अनूप कुंवर, भागवत चौहान, राधिका, विक्रम पंवार, राजेन्द्र सिंह पंवार, दिनेश नेगी ने सहयोग किया। भौंकारे वादक में हीरा सिंह पंवार, विक्रम पंवार, ढोल वादक में पूर्णदास, गरीब दास, पुष्कर दास, रोशन लाल, मुखौटा श्रृंगार में शरत सिंह रावत शामिल थे। इससे पहले राठ जन चेतना एवं बिन्सर सांस्कृतिक कला समिति ने गढ़वाली गीत नाटिका कमली का भावपूर्ण मंचन किया।

कुलानंद घनशाला द्वारा लिखी गई नाटिका में लड़के और लड़की कें भेदभाव को विषय बनाया गया है। एक होनहार बेटी कमली को हाईस्कूल से आगे सिर्फ इसलिए नहीं पढ़ने दिया जाता कि वह लड़की है। उसके ब्याह की तैयारी है। लेकिन कमली अपने पिता को इस निर्णय को बदलने को मजबूर कर देती है। वह जी लगाकर पढ़ती है और डाक्टर बन जाती है। प्रस्तुति में पुरूषोत्तम ममगांई, मदन मोहन डुकलान, रमेन्द्र कोटनाला, रोशन धस्माणा, सुरेन्द्र भंडारी, गिरीश सुंद्रियाल, इंद्रमणि बलोदी, पूनम ममगांई आदि ने सहयोग दिया। सांस्कृतिक संध्या का आनंद लेने भारी भीड़ उमड़ी। मुख्य अतिथि विधायक गणेश जोशी, उमेश शर्मा काऊ, व्यसवायी राकेश ओबराय समेत रमेन्द्र कोटनाला, अजय जोशी, संगीता ढौंडियाल, ज्योतिष घिल्डियाल, वीरेन्द्र असवाल, भगवती प्रसाद नौटियाल मौके पर मौजूद रहे। 

क्या है रम्माण

रम्माण एक प्रकार का क्षेत्रीय भूम्याल देवता की पूजा का उत्सव है। जो चमोली जिले के जोशीमठ, पैनखंडा पट्टी के सलूड-डुंगरा समेत डुंगरी-बरोशी व सेलंग क्षेत्र में प्रचलित है। महाभारत रामायण व अन्य पौराणिक कथानकों के आधार पर होने वाले इस आयोजन को स्थानीय लोग मेले के रुप में मनाते हैं। रम्माण के संरक्षक डा.कुशल भंडारी ने बताया कि यूनेस्को ने दो अक्तूबर 2009 को रम्माण लम्बी प्रक्रिया के बाद विश्व धरोहर घोषित किया। 2016 में इसे गणतंत्र दिवस में प्रदर्शित किया जा चुका है। ये कह सकते हैं कि क्षेत्रीय भूम्याल देवता के सम्मान में होने वाला रम्माण विशिष्ट प्रकार का मुखौटा नृत्य है। विश्व धरोहर घोषित होने के बाद रम्माण को विश्व भर में पहचान तो मिली ही, इसके संरक्षण के लिए भी काफी काम हुआ। 42 लाख रुपये के प्रोजेक्ट से जोशीमठ के निकट रंगशाला, म्यूजियम, मंदिर, पठाल का काम हुआ। राज्य सरकार ने भी आर्थिक सहयोग देकर इस विधा को संरक्षित किया है।

रैंप पर आंचलिक वेशभूषा प्रतियोगिता 

दोपहर में कौथिग में पुरूष व महिला आंचलिक वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पुरूष वर्ग में पांच व महिला वर्ग में 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। पुरूष वर्ग से कृष्णा घिल्डियाल प्रथम, नत्था सिंह पंवार द्वितीय व नवीन बमराणा तृतीय रहे। महिला वर्ग में पुष्पा बिष्ट प्रथम, सुषमा ब्यास द्वितीय, परमेश्वर रावत तृतीय स्थान पर रहे। प्रतियोगिता की संयोजक सुलोचना भट्ट, सह संयोजक रीता भंडारी, निर्णायक सावित्री काला, भारती पांडे, चंद्र दत्त सुयाल, केएस चौहान रहे। मुख्य अतिथि सविता मोहन ने प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। इससे पहले फ्योंली सांस्कृतिक मंच ने जागर की प्रस्तुति दी। 

विज्ञान पर छात्रों को दी जानकारी 

परेड ग्राउंड में कौथिग के दौरान चल रहे मेले में भारत ज्ञान विज्ञान समिति के स्टॉल पर विज्ञान के जरिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस स्टॉल में बच्चों के लिए विज्ञान से जुड़ी पुस्तकें रखी गई है। विज्ञान प्रदर्शनी में गुब्बारे से बना स्टैथोस्कोप, थैली से बना एयर बैग जैसे कई घरेलु प्रयोग से बनाए गए उपकरण रखे गए हैं। स्टॉल पर विशेषज्ञ स्कूली बच्चों ने वैज्ञानिक प्रयोगों के जरिए समाज की कुछ भ्रांतियों को दूर कर रहे हैं। एक अन्य स्टॉल पर हेल्थ नेटवर्किंग सेवा संस्थान ने 165 लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। डा.निशांत नवानी, डा.जयंत नवानी, अजय भट्ट ने शिविर में लोगों की जांच की।

गढ़वाल सभा ने दिव्यांग कलाकार को दी व्हील चेयर 

अखिल गढ़वाल सभा ने चमोली के दिव्यांग कलाकार कमांडर को व्हील चेयर प्रदान की। सभा अध्यक्ष रोशन धस्माना, सांस्कृतिक सचिव पंडित उदयशंकर भट्ट व मीडिया प्रभारी गजेन्द्र भंडारी ने इस कलाकार को ये उपहार दिया। कमांडर लोकविद्या में महारथी कलाकार हैं और कौथिग आयोजन में सांस्कृतिक प्रस्तुति देने आए थे। वह बहुत अच्छा गाते हैं और उन्होंने अपने कार्यक्रम से दर्शकों को काफी प्रभावित किया है।

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