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प्राइवेट स्कूलों में आरटीई कोटे से हुए दाखिलों की होगी जांच

शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे 90 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। आरटीई कोटे में फर्जी आय प्रमाणपत्रों के आधार पर एडमिशन की...

प्राइवेट स्कूलों में आरटीई कोटे से हुए दाखिलों की होगी जांच
देहरादून, प्रमुख संवाददाताWed, 26 Jul 2017 12:08 PM
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शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई एक्ट) के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे 90 हजार से ज्यादा छात्र-छात्राओं के प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। आरटीई कोटे में फर्जी आय प्रमाणपत्रों के आधार पर एडमिशन की शिकायतों पर यह निर्णय किया गया है। शिक्षकों को कम वेतन देकर ज्यादा राशि पर हस्ताक्षर कराने वाले प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ भी सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। 

अगले शैक्षिक सत्र से एनसीईआरटी की किताबें हर हाल में लागू की जाएंगी। मंगलवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर को इसके निर्देश दिए। विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि प्राइवेट स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में अमूल्य सहयोग दे रहे हैं। लेकिन कुछ ऐसे तत्व भी आ गए हैं जो विभिन्न प्रकार की फीस के नाम पर अभिभावकों को लूट कर रहे हैं। ऐसे लोगों को नहीं बख्शा जाएगा।

निजी स्कूलों ने की फर्जीवाड़े की शिकायत 

सचिवालय में प्रोगेसिव स्कूल प्रिंसिपल एसोसिएशन के साथ बैठक में स्कूल संचालकों ने शिक्षा मंत्री को बताया कई लोग महंगी गाड़ियों में आते हैं और अपने बच्चों को आरटीई कोटे में दाखिला देने का दबाव बनाते हैं। चूंकि आय प्रमाण पत्र जिला प्रशासन स्तर से बनाए जाते हैं, लिहाजा मानक में आने वालों का प्रवेश करना पड़ता है। शिक्षा मंत्री ने कहा ऐसी शिकायतों की जांच की जाएगी।

पांडे बोले- मनमानी बंद करें स्कूल 

बैठक में शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य के तीन जिलों के कुछ प्राइवेट स्कूलों में शिक्षकों का कम वेतन देकर ज्यादा पर साइन कराने की शिकायतें भी मिली हैं। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एनसीईआरटी की किताबें लागू करने पर मंत्री ने सरकार का स्टैंड साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी से किताबें छापने के लिए कॉपीराइट अधिकार लिया जा रहा है। सरकार किताब छापकर हर सरकारी और प्राइवेट स्कूल को देगी। इस पर प्राइवेट स्कूल संचालकों ने भी सहमति दे दी है।

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