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जोशीमठ : भूस्खलन में दब गई थी 300 साल पुरानी मूर्ति, अब हुआ ऐसा चमत्कार की सब हैरान

उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। वहां प्रसिद्ध चारधाम और पंच बदरी-पंच केदार मंदिर हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में ग्राम देवता भी आस्था के प्रतीक हैं। इन ग्राम देवताओं को मूर्ति या निसाण के रूप में...

जोशीमठ : भूस्खलन में दब गई थी 300 साल पुरानी मूर्ति, अब हुआ ऐसा चमत्कार की सब हैरान
जोशीमठ (देहरादून), लाइव हिन्दुस्तानMon, 05 Feb 2018 11:30 AM
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उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है। वहां प्रसिद्ध चारधाम और पंच बदरी-पंच केदार मंदिर हैं। इसके अलावा उत्तराखंड में ग्राम देवता भी आस्था के प्रतीक हैं। इन ग्राम देवताओं को मूर्ति या निसाण के रूप में पूजा जाता है। लोगों का इनमें बड़ा विश्वास है। कई बार इन मान्यताओं के बीच ऐसी घटनाएं घटित हो जाती हैं, जिनपर यकीन करना मुश्किल हो जाता है। कुछ ऐसा ही ताजा घटना जोशीमठ के रविग्राम में सामने आई है। यहां 1971 से मलबे में दबी देवता की मूर्ति जिस तरह से बाहर निकाली गयी, उसे स्थानीय लोग चमत्कार मान रहे हैं।

जोशीमठ के रविग्राम का जाख देवता ‘ब्रह्मा’ की यात्रा पिछले 13 दिनों से अपने गांव और आसपास के इलाकों के भ्रमण कर रही है। रविग्राम के जाख ब्रह्मा को उनके मंदिर से ग्रामीणों द्वारा हर दूसरे वर्ष बाहर निकालकर क्षेत्र भ्रमण करवाया जाता है,। क्षेत्र भ्रमण के दौरान स्थानीय लोग जाख देवता से मानौतियां मांगते हैं। जिनकी मनौतियां पूरी हो जाती हैं वे जाख देवता को कपड़ा, धूप, चंदन आदि भेंट चढ़ाते हैं।

इस वर्ष ब्रह्मा जाख के पश्वा के आदेश पर उन्हें गांव से ढाई किमी दूर होसी तोक में ले जाया गया, जहां पर पश्वा के कहने पर खुदाई की गई। ग्रामीणों द्वारा की गई इस खुदाई में कांसे की जेठुवा देवता की प्रतिमा, पत्थर की ब्रह्मा की मूर्ति और एक आरती का पात्र मिला। ग्रामीण समीर डिमरी, राजेन्द्र डिमरी, अंशुल भुजवांण और सुभाष डिमरी ने बताया कि होसी तोक में जेठुला देवता का एक मंदिर हुआ करता था। बताया कि वर्ष 1971 में यहां पर भूस्खलन हो गया था।

भारी भू-कटाव में यह मंदिर जमीदोंज हो गया। जिसके बाद जाख देवता के आदेश पर रविवार को खुदाई करने पर जमीन में दबी मूर्तियां और आरती पात्र मिला है। इस दौरान नारायण भुजवांण ,राजेन्द्र डिमरी,  महेन्द्र नम्बूरी, जयदीप भट्ट आदि मौजूद रहे। लोगों का कहना है कि पहले भी देवता की प्रतिमाओं को खोजने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बार जिस स्थान पर खुदाई की यहीं वहीं पर मूर्तियां मिली हैं। लोग इसपर हैरानी जाहिर कर रहे हैं। साथ ही इसे चमत्कार मान रहे हैं।  

भूमि क्षेत्रपाल के रूप में होती है पूजा

जाख को पहाड़ी क्षेत्र में भूमि क्षेत्रपाल के नाम से भी जाना जाता है। रविग्राम के जाख ब्रह्मा के बड़े भाई जेठाऊ हैं, जिनकी मूर्ति ग्रामीणों को खुदाई पर मिली है। मूर्ति मिलने के बाद स्थान का शुद्धीकरण किया गया, यहां पर वैदिक मंत्रोचारण के साथ यज्ञ उपरान्त प्रसाद वितरित कर जेठाऊ एवं ब्रह्मा की मूर्ति को एक पत्थर के ऊपर स्थापित किया गया है। 

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