
शिकायतकर्ता को पीड़ित का दर्जा, सीधे कर सकेगा अपील; चेक बाउंस केस में HC की अहम टिप्पणी
संक्षेप: हाई कोर्ट ने चेक बाउंस के मामले में अहम टिप्पणी की कि शिकायतकर्ता को पीड़ित माना जाए, साथ ही उसे बिना अनुमति सीधे अपील का हक होगा। हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया।
नैनीताल हाईकोर्ट ने चेक बाउंस मामले में आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। साथ ही कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि ऐसे मामलों में शिकायत करने वाले व्यक्ति को "पीड़ित" माना जाएगा। इसलिए उसे सीधे अपील करने का हक है और इसके लिए किसी खास अनुमति की ज़रूरत नहीं होगी।

क्या था मामला
देहरादून की इंडस्ट्रीज प्रॉपर्टीज कंपनी ने अनिल बिष्ट और अन्य के खिलाफ चेक बाउंस की शिकायत मजिस्ट्रेट कोर्ट में की थी। लेकिन 18 नवंबर 2024 को मजिस्ट्रेट ने शिकायत खारिज कर दी। इसके बाद कंपनी ने सत्र न्यायालय (सेशन कोर्ट) में अपील दायर की।
हाईकोर्ट ने क्या कहा
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले ‘M/s Selcium Finance बनाम ए. ग्नानसेकरन’ का भी जिक्र किया। कोर्ट ने कहा कि चेक बाउंस मामलों में शिकायतकर्ता पीड़ित है और उसे CrPC की धारा 372 के तहत अपील का अधिकार है।

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