हम छौ कुमइया हमरो कुमाऊं यो छ हमारो पहाड़..
लोहाघाट में पूर्व सैनिकों ने नाइन कुमाऊं रेजिमेंट के शौर्य प्रतिक महाराज के दिवस को धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई और पूर्व सैनिकों एवं विरांगनाओं को सम्मानित किया...

लोहाघाट में पूर्व सैनिकों ने भारतीय सेना की नाइन कुमाऊं रेजिमेंट के शौर्य प्रतिक महाराज के दिवस को धूमधाम से मनाया। इस दौरान पूर्व सैनिकों और विरांगनाओं को सम्मानित किया गया। रविवार को सैनिक विश्राम गृह में नाइन कुमाऊं के रिटायर्ड कै. सोबन सिंह की अध्यक्षता एवं रिटायर्ड सूबेदार ललित सिंह अधिकारी के संचालन में हुए कार्यक्रम में नाइन कुमाऊं की इस वीरगाथा को याद कर इस युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी। 1965 भारत-पाक युद्ध के विजेता नाइन कुमाऊं के हवलदार भूप सिंह और हवलदार प्रेम सिंह ने बताया जब 1965 का युद्ध शुरू हुआ था तब नाइन कुमाऊं उत्तराखंड के धारचूला में तैनात थी।
युद्ध में जाने का आदेश मिला इसके बाद पलटन रवाना हुई। जवानों ने बड़ी बहादुरी से लड़ते हुए पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराते हुए सात सितंबर 1965 को पाकिस्तान की सीमा में घुस गए। पाकिस्तान के सियालकोट के महाराज के गांव पर कब्जा कर लिया इसके अलावा दूर संचार केंद्र पर भी पलटन ने कब्जा कर लिया। इस दौरान उन्होंने रेजिमेंट का गीत हम छौ कुमइया हमरो कुमाऊं यो छ हमारो पहाड़..गीत गाया। इस मौके पर सैनिक लीग संगठन के अध्यक्ष कै. आरएस देव, रधुवीर सिंह, हयात सिंह,भगवान सिंह, सुरेश सिंह, इंद्र सिंह, घनश्याम चंद्रा, चंदर सिंह, प्रेम राम, आनंद सिंह, कमल किशोर, विद्याधर, खीम सिंह, रतन सिंह, बहादुर सिंह, पार्वती देवी, लच्छी देवी, हेमा जोशी, परी देवी, सुनीता देवी आदि मौजूद रहे।
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