आतिशबाजी से पहाड़ की हवा भी दूषित हुई
जिले में अत्यधिक आतिशबाजी से वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। रविवार को लक्ष्मी पूजा के दिन सूचकांक 156 एक्यूआई दर्ज किया...

जिले में अत्यधिक आतिशबाजी से वायु गुणवत्ता सूचकांक खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। रविवार को लक्ष्मी पूजा के दिन सूचकांक 156 एक्यूआई दर्ज किया गया जो कि स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है । नेशनल एयर क्वालिटी इंडेक्स के आंकड़ों के मुताबिक 12 नवंबर को चम्पावत में पिछले दो दिनों के मुकाबले सबसे अधिक प्रदूषण फैला। 12 नवंबर को 86 एक्यूआई तक प्रदूषण का स्तर देखने को मिला। 11 नवंबर को जो बढ़कर 118 एक्यूआई पहुंच गया जिसे जिसे संवेदनशील लोगों के लिए काफी हानिकारक बताया जाता है। 12 नवंबर वहीं वायु गुणवत्ता सूचकांक 156 दर्ज किया गया जो की सभी लोगों के लिए हानिकारक है।
एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक 0 से लेकर 50 तक इंडेक्स ग्रीन माना जाता है। 51 से 100 तक येलो सामान्य माना जाता है । 101 से 150 तक ऑरेंज जो कि संवेदनशील जिसमें बीमार बुजुर्ग गर्भवती महिलाएं छोटे बच्चों के लिए हानिकारक बताया जाता है जिसमें मास्क पहनने की आवश्यकता पड़ती है। 151 से 200 एक्यूआई लाल निशान तक पहुंचने पर सभी के लिए हानिकारक बताया गया है।
दीपावली में हुई आतिशबाजी से चंपावत का एयर क्वालिटी इंडेक्स 156 पहुंचने से लोगों को सांस लेने में दिक्कत आंखों में खुजली जैसी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जिला अस्पताल के पीएमएस पीएस रखोलिया ने बताया कि वायु में प्रदूषण बढ़ने से सांस संबंधित रोग होने आंखों में खुजली जैसी समस्या हो सकती है । उन्होंने पटाखों से निकले धुंए को स्वाथ्य के लिए हानिकारक बताया । उन्होंने बताया कि प्रदूषण से बचने के लिए मास्क का प्रयोग करना चाहिए।
