गरुड़ को नहीं मिला नगर पालिका का दर्जा
गर पालिका बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक व उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एडवोकेट डीके जोशी ने एक बार फिर गरुड़ नगर पालिका गठन के मुद्दे पर विधायक व सरकार से...
नगर पालिका बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक व उच्च न्यायालय के अधिवक्ता एडवोकेट डीके जोशी ने एक बार फिर गरुड़ नगर पालिका गठन के मुद्दे पर विधायक और सरकार से सवाल पूछे हैं। कहा सरकार नगर पालिका गठन के मामले में जनता को बरगला रही है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
सोमवार को अधिवक्ता डीके जोशी ने कहा गरुड़ को नगर पंचायत बनाने की मांग कई वर्षों से की जाती रही है। इस संबंध में रमेश पोखरियाल निशंक, एनडी तिवारी, हरीश रावत, विजय बहुगुणा और त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल में गरुड़ को नगर पालिका या पंचायत बनाने की घोषणा की तथा प्रस्ताव मांगे थे, जबकि एक बार विधानसभाध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी इसकी घोषणा की। लेकिन अब तक पालिका या पंचायत का गठन नहीं हो सका। इधर, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद फरवरी 2021 में अधिसूचना जारी करते हुए इस पर सुझाव मांगे थे। जिस पर जिलाधिकारी कार्यालय में इसके सुझाव भी लिए गए। इसके बाद से यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। उन्होंने कहा भविष्य में चुनाव होने हैं। जिससे यह मामला ठंडे बस्ते में जाने की संभावना है। उन्होंने क्षेत्रीय विधायक चंदन दास से सवाल पूछा मामले में सरकार द्वारा क्या कार्रवाई की जा रही है।
इन गांवों को शामिल करने की थी योजना
बागेश्वर। ग्राम सभा बयालसेरा, स्याल्दे, भकुनखोला, टानीखेत, नौघर, फुलवाड़ीगूंठ को पूर्ण रूप से शामिल किया जाना था जबकि सिल्ली, गढसेर दर्शानी व पाये को आंशिक रूप से शामिल किए जाने की योजना थी।
इनसेट कोट-
गरुड़ नगर पंचायत का मामला कैबिनेट में पास हो गया है। कुछ ग्राम प्रधानों ने आपत्तियां लगाईं थीं। उनका भी निराकरण हो गया है। अब गजट नोटिफिकेशन होना है। पंचायत भवन के लिए मुख्यमंत्री ने एक करोड़ की घोषणा तक कर दी है। ठंडे बस्ते की बात बेबुनियाद है।
- चंदन राम दास, विधायक, बागेश्वर।