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फर्जीवाड़े के बाद डम्परों को सीज न करने पर भी उठ रहे सवाल

हरियाणा के डम्परों को टनकपुर लाकर उत्तराखण्ड के फर्जी नम्बरों से चलाये जाने का खुलासा होते ही इन डम्परों को सीज न किये जाने से वन विकास निगम और परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी अब सवाल उठने लगे...

फर्जीवाड़े के बाद डम्परों को सीज न करने पर भी उठ रहे सवाल
हिन्दुस्तान टीम,चम्पावतTue, 14 May 2019 04:31 PM
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हरियाणा के डम्परों को टनकपुर लाकर उत्तराखण्ड के फर्जी नम्बरों से चलाये जाने का खुलासा होते ही इन डम्परों को सीज न किये जाने से वन विकास निगम और परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। एआरटीओ की जांच में फर्जीवाड़े के दोषी पाये जाने पर डम्परों का परमिट रद तो कर दिया गया लेकिन उन्हें सीज नही किया। नियमानुसार उन्हें सीज किया जाना चाहिए था। इधर चर्चा है कि कुछ आरोपियों पर राजनैतिक शह के कारण अफसर दबाव में आ गये थे, इसी के चलते डंपर पकड़ने की कार्रवाई नहीं की गई। आश्चर्य की बात यह है कि खनन निकासी का परमिट रद होने के बाद भी लंबे समय तक डम्परों का उपयोग उपखनिज निकासी में किया जाता रहा। पिछले दिनों परिवहन विभाग ने एक डम्पर को उपखनिज ढोते पकड़े जाने पर सीज कर दिया था। इससे साफ जाहिर हो गया कि परमिट रद होने के बाद भी इन डम्परों से उपखनिज निकासी का काम धड़ल्ले से कराया गया। यही नहीं पुलिस की आंखों में धूल झोकने के लिए दो नम्बर प्लेटों का उपयोग किया गया। मामला सुर्खियों में आने के बाद अब डम्पर शहर से गायब हो गये हैं।

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