बजट से हर वर्ग के लोगों को हुई निराशा
सोमवार को पेश किए गए आम बजट से हर वर्ग के लोगों को निराशा हुई है। बजट में महंगाई रोकने के लिए प्रयास नहीं किए गए हैं। कोरोना की मार से जूझ रहे आम...

सोमवार को पेश किए गए आम बजट से हर वर्ग के लोगों को निराशा हुई है। बजट में महंगाई रोकने के लिए प्रयास नहीं किए गए हैं। कोरोना की मार से जूझ रहे आम लोगों को भी कोई रियायत नहीं मिल सकी है। बजट को लेकर लोगों के मन में उत्सुकता के साथ उम्मीदें भी थी। लेकिन आम लोगों के लिए कोई प्रावधान नहीं किए जाने से लोग निराश हैं।
अर्थशास्त्र के प्रोफेसर डॉ.अनुराग अग्रवाल का कहना है कि बजट में महंगाई कम करने के कोई प्रावधान नहीं किए गए हैं। उनका कहना है कि पेट्रोल में 2.50 रुपये और डीजल में 4.50 रुपये का सेस लगाया गया है। पेट्रोलियम पदार्थों के दाम में बढ़ोत्तरी होने से महंगाई बढ़ना स्वाभाविक है। पहले से ही कोरोना की मार से जूझ रहे आम लोगों के लिए भी बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है।
उनका कहना है कि बजट में निवेश नहीं होने और कैश हैंड नहीं होने से महंगाई और बढ़ेगी। इससे आम लोगों की दुश्वारियों में इजाफा होगा। उनका कहना है कि वित्तीय घाटा 9.5 फीसदी रहना निराशाजनक है। डॉ.अग्रवाल का कहना है कि लाभ दे रही संपत्तियों को बेचकर आत्म निर्भर बनना समझ से परे है। इसके अलावा बजट में वेतनभोगी कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिल सकी है। अलबत्ता कोरोना वैक्सीन के लिए धनराशि का प्रावधान करना स्वागत योग्य कदम है।
