परिसीमन होने से बदलेंगे पालिका चुनाव के समीकरण
के साथ ही इसमें शामिल किए गए कुछ गांवों के संभावित प्रत्याशियों पर असर पड़ने के साथ ही पालिका चुनावों के समीकरण बदलेंगे। वैसे तो टनकपुर मैदानी और पर्वतीय साझा संस्कृति का प्रतीक है और पूर्व के...
विकास एवं वास्तविक नियोजन का संचालन स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप किया जा सके और शहरों पर बढ़ते जनसंख्या के दबाव को कम करने के लिए सरकार ने पालिकाओं का परिसीमन किया है। लेकिन इस परिसीमन से टनकपुर पालिका चुनाव के साथ ही इसमें शामिल किए गए कुछ गांवों के संभावित प्रत्याशियों पर असर पड़ने के साथ ही पालिका चुनावों के समीकरण बदलेंगे। वैसे तो टनकपुर मैदानी और पर्वतीय साझा संस्कृति का प्रतीक है और पूर्व के चुनाव में ऐसा कभी नहीं हुआ कि चुनाव में क्षेत्रवाद हावी रहा हो, लेकिन इस बार कई गांवों के एक तरह से अर्द्धनगरीय रूप ले चुके कुछ आंशिक भागों को इसमें शामिल करने से समीकरण बदलना निश्चित है। लिहाजा राजनैतिक पार्टियां अपने प्रत्याशी घोषित करने में जल्दबाजी नहीं दिखा रही हैं और ऐसे प्रत्याशियों की तलाश कर रही हैं जिनका नगर क्षेत्र और पालिका में शामिल किए गए ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव हो। पालिका में पूर्व के नौ वार्डों के साथ नए बनाए गए दो वार्डों क्रमश: कार्की फार्म और विष्णुपुरी के अलावा घसियार मंडी वार्ड में भी ग्राम नायकगोठ के नायकखेड़ा ग्राम के आंशिक भाग को शामिल किया गया है। इन क्षेत्रों को शामिल करने से पालिका के कुल मतदाताओं की संख्या 13,667 हो गई है। इनमें से करीब 4 हजार के आसपास नए ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाता हैं। परिसीमन के बाद कुछ शहर क्षेत्र के प्रत्याशियों पर असर पड़ा है, क्योंकि उनका कार्य क्षेत्र अब तक नगर क्षेत्र तक ही सीमित था। इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के प्रत्याशियों पर भी इसका असर पड़ेगा। पूर्व में माना जाता था कि मैदानी क्षेत्र का अकेला प्रत्याशी खड़ा होने पर उसकी जीत लगभग पक्की मानी जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। लोगों के मुताबिक अगर पर्वतीय क्षेत्र के प्रत्याशियों की संख्या ज्यादा हुई तो समीकरणों में उलटफेर हो सकता है। ---------------------------------------