एक साल में ही उखड़ने लगा बाराकोट-सिमलखेत सड़क का डामर
बाराकोट-सिमलखेत सड़क में एक साल पहले हुआ डामर पूरी तरह उखड़ने लग गया है। डामर के उखड़ने से सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं। इससे इस मार्ग पर आवाजाही करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़...
बाराकोट-सिमलखेत सड़क में एक साल पहले हुआ डामर पूरी तरह उखड़ने लग गया है। डामर के उखड़ने से सड़क में जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं। इससे इस मार्ग पर आवाजाही करने वाले यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क में डामर करने वाली कार्यदायी संस्था के प्रति लोगों में आक्रोश है। एक साल पूर्व विश्व बैंक ने 10 करोड़ रुपये की लागत से सड़क के सुधारीकरण और डामरीकरण का किया था। डामरीकरण और सुधारीकरण के कार्य में गुणवत्ता की कमी के कारण डामर उखड़ने लगा है। स्थानीय निवासी हयात सिंह का कहना है कि 26 किमी लंबी इस सड़क में कार्यदायी संस्था ने अपना काम जिम्मेदारी के साथ नहीं किया। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सुधारीकरण के कार्य के बाद दो वर्ष तक कार्यदायी संस्था सड़क की मरम्मत का काम भी करती है। मरम्मत का कार्य तो किया गया लेकिन इसमें भी गुणवत्ता की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। सड़क में डामर के उखड़ने से जगह-जगह गड्ढे हो गये हैं। इससे हर वक्त सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। उन्होंने डामरीकरण के कार्य की जांच की मांग की है।