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केदारनाथ की यात्रा पर निकली माता अनसूया

केदारनाथ की यात्रा पर निकली माता अनसूयासंतानदायिनी माता अनसूया ४६ साल बाद दिवारा यात्रा पर निकली हैं। सती माँ अनसूया छह माह तक देवरा यात्रा पर रहेगी। बुधवार को माता की उत्सव डोली ने केदारनाथ के लिए...

केदारनाथ की यात्रा पर निकली माता अनसूयासंतानदायिनी माता अनसूया ४६ साल बाद दिवारा यात्रा पर निकली हैं। सती माँ अनसूया छह माह तक देवरा यात्रा पर रहेगी।
 बुधवार को माता की उत्सव डोली ने केदारनाथ के लिए...
1/ 2केदारनाथ की यात्रा पर निकली माता अनसूयासंतानदायिनी माता अनसूया ४६ साल बाद दिवारा यात्रा पर निकली हैं। सती माँ अनसूया छह माह तक देवरा यात्रा पर रहेगी। बुधवार को माता की उत्सव डोली ने केदारनाथ के लिए...
केदारनाथ की यात्रा पर निकली माता अनसूयासंतानदायिनी माता अनसूया ४६ साल बाद दिवारा यात्रा पर निकली हैं। सती माँ अनसूया छह माह तक देवरा यात्रा पर रहेगी।
 बुधवार को माता की उत्सव डोली ने केदारनाथ के लिए...
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हिन्दुस्तान टीम,चमोलीWed, 09 Oct 2019 05:57 PM
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संतानदायिनी माता अनसूया 46 साल बाद दिवारा यात्रा पर निकली हैं। सती माँ अनसूया छह माह तक देवरा यात्रा पर रहेगी। बुधवार को माता की उत्सव डोली ने केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया। माता की डोली बदरीनाथ धाम से होते हुए माघ स्नान के लिए हरिद्वार जाएगी। इसके बाद अपने भक्तों की कुशलक्षेम पूछने के लिए माता की डोली गांव-गांव भ्रमण करेगी। माता अनसूया मंडल घाटी के नौ गांवों की आराध्य देवी है। मंगलवार को वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान से माता अनसूया की डोली गर्भगृह से मंदिर परिसर में पहुंची। यहां पहुंचे सैंकड़ों भक्तों ने माता का फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया। माता की डोली रात्रि प्रवास के लिए सिरोली गांव पहुंची। बुधवार को आचार्य पंडित बलिराम तिवारी और विनोद सेमवाल ने माता की डोली की प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा-अर्चना संपन्न की। जिसके बाद माता की आरती संपन्न हुई। सुबह ग्यारह बजे माता ने केदारनाथ के लिए प्रस्थान किया। माता अनसूया के पुजारी डा. प्रदीप सेमवाल ने बताया कि वर्ष 1970 में मां अनसूया की दिवारा यात्रा आयोजित हुई थी। इसके बाद किन्ही कारणों से यात्रा का आयोजन नहीं हो पाया। वर्ष 2000 में अनसूया मंदिर में महायज्ञ का आयोजन हुआ था। तब भक्तों ने बारह साल में माता की यात्रा शुरू करने का निर्णय लिया था। लेकिन आपदा के चलते उस वक्त भी यात्रा का आयोजन नहीं हो पाया था। अब क्षेत्रीय जनता के सहयोग से माता की दिवारा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। केदारनाथ, बदरीनाथ धाम की यात्रा करने के बाद माता की डोली गांव-गांव का भ्रमण कर माघ स्नान के लिए हरिद्वार जाएगी। आगामी वर्ष अप्रैल माह में मंडल गांव में भव्य महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा। यहां माता की डोली नौ दिनों तक के लिए स्थापित की जाएगी।

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