इस बार जिले में थर्टी फर्स्ट का जश्न शांतिपूर्वक संपन्न हो गया है। लोगों ने होटलों और सड़क पर घुमने के बजाए घरों में कार्यक्रम संपन्न किए। अधिकतर लोग अपने गांवों की ओर रूख कर गए। ग्रामीण क्षेत्र में लोगों ने भजन कीर्तन के साथ थर्टी फस्ट मनाया और मंदिरों में जाकर नये साल का स्वागत किया।
कोरोना संक्रमण ने नये साल के जश्न का भी तरीका बदलकर रख दिया। अन्य सालों में जहां लोग होटलों तथा जंगलों में जाकर थर्टी फर्स्ट का जश्न मनाते थे, वहीं इस बार लोगों ने अपने परिवार के साथ कार्यक्रम किया। पर्यटन स्थल कौसानी में भी पर्यटक नहीं पहुंचे। कपकोट के धूर में भी लोग नहीं पहुंचे। जिला मुख्यालय में भी नौ बजे बाद सन्नाटा पसर गया। पुलिस को भी इस बार अन्य सालों की तरह मशक्कत नहीं करनी पड़ी। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में लोगों ने कोरोना मुक्त देश की कामना की और रातभर भजनों का गायन किया। दुग-नाकुरी के दोफाड़ गांव में महिलाओं ने मां और शिव के भजनों का गायन किया। ग्राम प्रधान भूपाल कालाकोटी ने बताया कि इस बार नया साल के स्वागत का यह कार्यक्रम बढ़िया था। इधर पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने बताया कि जिले में शांति बनी रही। कहीं से भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।