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बुरांश महोत्सव में मेहमानों ने जाना कौसानी का इतिहास

कौसानी में बुरांश महोत्सव जारी है। वार्षिक कला और संस्कृति उत्सव के तीसरे दिन हेरिटेज वॉक हुई। प्रतिभागियों ने अनासक्ति आश्रम, सरला बहन म्यूजियम और सुमित्रानंदन पंत गैलरी देखी। उन्होंने कविता पाठ...

बुरांश महोत्सव में मेहमानों ने जाना कौसानी का इतिहास
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरSun, 08 Apr 2018 10:42 PM
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कौसानी में बुरांश महोत्सव जारी है। वार्षिक कला और संस्कृति उत्सव के तीसरे दिन हेरिटेज वॉक हुई। प्रतिभागियों ने अनासक्ति आश्रम, सरला बहन म्यूजियम और सुमित्रानंदन पंत गैलरी देखी। उन्होंने कविता पाठ किया। पेंटिंग प्रदर्शनी में भी भागीदारी की।

तीसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ हेरिटेज वॉक से हुआ। दिल्ली, मुंबई, जोधपुर आदि क्षेत्रों से आए प्रतिभागियों ने वॉक के दौरान अनासक्ति आश्रम देखा। उन्होंने सरला बहन म्यूजियम के बारे में जानकारी ली। सुमित्रानंदन पंत वीथिका देखी और लक्ष्मी आश्रम के इतिहास और परंपरा को जाना। थ्रीस कपूर और प्रसन्ना कपूर ने प्रतिभागियों को बताया कि 1929 को दो दिन के लिए महात्मा गांधी यहां आए थे। वह यहां की सुंदरता और शांत वादियों को देखकर मोहित हो गए। उन्होंने पूरे 14 दिन तक यहां प्रवास किया। उन्होंने ही कौसानी को भारत का स्विटजरलैंड का नाम दिया। जोधपुर से आए गौरव बोरा ने कबीर और राम धुन का पाठ किया। अन्य प्रतिभागियों ने भी स्वरचित कविताएं सुनाई। प्रसन्ना ने सरला बहन आश्रम के बारे में प्रतिभागियों को बताया। उन्हें सरला बहन की जीवनी के बारे में भी जानकारी दी। देहरादून से आई चित्रकार अंजलि थापा ने पेंटिंग की। उन्होंने सैलानियों के साथ भी पेंटिंग का सेशन किया। सायंकाल को मूवी स्क्रीनिंग का आयोजन हुआ। इस मौके पर स्थानीय लोगों ने भी भागीदारी की।

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