बारिश थमी तो धूं-धूं कर जलने लगे बागेश्वर के वन
बारिश थमते ही जंगल धूं-धूकर जलने लगे हैं। कुकुड़ामाई, मजगांव, जाखनी और रतगांव के जंगल पिछले 24 घंटे से जल रहे हैं। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। हालांकि वन विभाग भी आग बुझाने...
बारिश थमते ही जंगल धूं-धूकर जलने लगे हैं। कुकुड़ामाई, मजगांव, जाखनी और रतगांव के जंगल पिछले 24 घंटे से जल रहे हैं। इससे पर्यावरण को भारी नुकसान होने की आशंका बनी हुई है। हालांकि वन विभाग भी आग बुझाने में मुस्तैद हो गया है।
पिछले हफ्ते बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया था। जंगलों को राहत थी। लेकिन गत रविवार को चटख धूप निखरने से पारा चढ़ गया। रविवार रात से जिले के तमाम जंगल जलने लगे। नीलेश्वर मंदिर के पीछे कुकुड़ामाई के जंगल रात से जल रहे हैं। इससे चारों तरफ धुंआ फैल रहा है। वन्य जीवन संकट में आ गया है। जिला मुख्यालय के ठीक सामने जंगल जलने से वन विभाग के हाथ-पांव भी फूल गए हैं। वहीं, मनकोट के जंगलों में भी भयंकर आग लग गई है। इससे तापमान में भी बढ़ोतरी हो रही है। पर्यावरण को खतरा पैदा हो गया है। जंगली जानवर भी आग से बचने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का रुख करने लगे हैं। वहीं, दुग नाकुरी के मजगांव, जाखनी और रतगांव के वन भी आग की चपेट में आ गए हैं। ग्रामीण दीवान सिंह, जमन सिंह, जशोद सिंह, साधो सिंह, किशन सिंह, मालती देवी, प्रकाश चंद्र, खुशाल सिंह आदि ने कहा कि वन विभाग का नुमाइंदा सुबह तक आग पर काबू पाने को नहीं पहुंचा। इधर, डीएफओ आरके सिंह ने बताया कि वनों को बचाने का संकल्प लिया गया है। आग लगाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। वन विभाग की टीम आग पर काबू पाने को मुस्तैद है।