खड़िया खनन के विरोध में कर्मी, दोबाड़ के ग्रामीण
तहसील के कर्मियों और ग्रामीणों ने खड़िया खान की स्वीकृति के खिलाफ प्रदर्शन किया। वक्ताओं ने कहा कि यह क्षेत्र भूकंप के दृष्टि से संवेदनशील है और खनन से लोगों की जान को खतरा है। ग्रामीणों ने 2018 से...
तहसील के कर्मी, दोबाड़ तथा तोली में खड़िया खान स्वीकृत होने की सुगबुगाहट पर ग्रामीणाों में रोष व्याप्त है। नाराज ग्रामीणों ने विरोध में प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से जोन पांच में आता है। इसके बावजूद खड़िया खान स्वीकृत करना लोगों की जान को जोखिम में डालना है। जल्द इसे निरस्त करने की मांग की है। कर्मी, तोली, दोबाड़ तथा पय्यातोली के ग्रामीण कर्मी में एकत्रित हुए। यहां नारेबाजी के साथ प्रदर्शन किया। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि क्षेत्र के लोग 2018 से खड़िया खानों का विरोध करते आ रहे हैं। क्षेत्र अति संवेदनशील होने के कारण वह यहां खनन नहीं चाहते हैं। कर्मी में वर्ष 1983 में भारी भूस्खलन हुआ। तब 39 लोगों की जान गई। क्षेत्र में जान माल का हमेशा खतरा बना रहता है। इसके बावजूद क्षेत्र में खड़िया खनन का प्रयास किया जा रहा है। माइन संचालक क्षेत्र की भोली-भाली जनता को गुमराह करने में लगी हुई है। यदि क्षेत्र में खनन कार्य हुआ तो ग्रामीण इसका पुरजोर विरोध करेंगे। उन्होंने जिलाधिकारी से समस्या के समाधान की मांग की है। इस मौके पर त्रिलोक सिंह, जगत सिंह, रमेश सिंह, महिपाल सिंह लाल सिंह दानू, प्रेम सिंह, हरीश सिंह, मोहन सिंह, उत्तम सिंह, आनंद सिंह, गोविंद सिंह समेत महिलाएं मौजूद रहीं।
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