कपकोट चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा रहा पंचायत भवन
नगर पंचायत कपकोट के गठन को पांच साल से अधिक का समय पूरा चुका है। नगर की एक भाजपा की सर्कार का कार्यकाल पूरा हो चुका है। लेकिन अभी तक यहां नगर पंचायत का कार्यालय नहीं बन पाया है। कपकोट नगर पंचायत का...
नगर पंचायत कपकोट के गठन को पांच साल से अधिक का समय पूरा हो चुका है। नगर की एक भाजपा की सरकार का कार्यकाल पूरा हो चुका है। लेकिन अभी तक यहां नगर पंचायत का कार्यालय नहीं बन पाया है।
कपकोट नगर पंचायत का यह दूसरा चुनाव है। लेकिन वहां आज तक पंचायत का अपना भवन ही नहीं बन सका है। शुरू के तीन साल तक नगर पंचायत का कार्यालय भराड़ी के एक पूर्व सैनिक के मकान में चला। इसके बाद पंचायत के पास किराए के लिए बजट नहीं होने के कारण इसे खीरौ में निर्मित ग्राम पंचायत के भवन में शिफ्ट कर दिया। इसमें जगह की कमी के चलते काफी परेशानी हो रही है। प्रशासन ने नगर पंचायत को शामा रोड स्थित फायर स्टेशन के समीप भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध करा दी थी। लोगों को विश्वास था कि प्रदेश शासन द्वारा इसका निर्माण कर दिया जाएगा। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है। पंचायत का अपना भवन नहीं होने से कर्मियों को कामकाज निपटाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इससे नगर पंचायत में प्रधान लिपिक उपनल से नियुक्त है। जेई, लिपिक, स्टोर कीपर, टैक्स वसूली कर्मी, इलैक्ट्रीशियन समेत कई पद पहले से ही खाली हैं। पर्यावरण मित्र भी संविदा पर तैनात हैं। कर्मचारियों रिक्त पदों से पंचायत के कई काम प्रभावित हो रहे हैं।
भराड़ी में फायर स्टेशन के समीप 20 नाली भूमि नगर पंचायत के नाम दर्ज हो गई है। भवन के निर्माण के लिए शासन से पूर्व में 90 हजार रुपये मिले थे। जो इस्टीमेट बनवाने, भू-सर्वेक्षण और अन्य जरूरी काम में खर्च हो चुके हैं। शासन को 1.37 करोड़ का इस्टीमेट भेजा गया है। बजट अवमुक्त होने पर भवन का निर्माण शुरू होगा। - कृपाली सिंह, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत कपकोट।