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अपादा प्रभाावित कई परिवार आज तक नहीं हो पाए विस्थापित

आपदा की मार झेल चुके लोगों में से कई लोगों को आज तक आशियाना नहीं मिल पाया है। इसमें कपकोट तहसील का कुंवारी तथा कांडा तहसील का सेरी गांव शामिल हैं।...

अपादा प्रभाावित कई परिवार आज तक नहीं हो पाए विस्थापित
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरMon, 14 Jun 2021 10:00 PM
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आपदा की मार झेल चुके लोगों में से कई लोगों को आज तक आशियाना नहीं मिल पाया है। इसमें कपकोट तहसील का कुंवारी तथा कांडा तहसील का सेरी गांव शामिल हैं। इन गांवों में सबसे अधिक लोग प्रभावित हुए है। इसके अलावा कपकोट तहसील के अन्य गांव भी शामिल हैं। सेरी गांव के दो परिवार पंचायत घर तथा दो स्कूल में रह रहे हैं। कुंवारी गांव के 18 में से 12 परिवार विस्थापित हुए। छह को आज भी इंतजार है।

मालूम हो कि बागेश्वर जिला आपदा और भूकंप की दृष्टि से बितु अधिक संवेदनशील है। यहां समय-समय पर आपदा लोगों के लिए आफत बनकर बरसती है। इसी में शामिल है। कुंवारी और सेरी गांव। 2018 में कपकोट तहसील के कुंवारी गांव में पत्थरों की बारिश शुरू हो गई। पूरा गांव आपदा की जद में आ गया। इसके बाद प्रशासन और भूगर्व विभाग की टीम ने गांव में सर्वे किया। सर्वे के बाद 18 परिवारों को विस्थापित करने पर सहमति बनी। तीन साल बाद भी गांव के 18 परिवारों में 12 परिवार की स्थापित हो पाए हैं। इसमें पांच परिवार दुलम के किलपारा, तीन फरसाली के दुलई, एक परिवार लालकुआं, दो हल्द्वानी तथा एक परिवार ऐठाण में विस्थापित किया गया। अन्य परिवार के लिए धनराशि आ चुकी है, लेकिन कोरोना के चलते उन्हें विस्थापित नहीं किया जा सका है। परिवार आज भी गांव में रहने को मजबूर हैं। इसी तरह सेरी गांव के दो परिवार शिशु मंदिर कमेड़ीदेवी और दो पंचायतघर में रहने को मजबूर हैं। इधर दो दिन पहले क्षेत्र में अतिवृष्टि हुई है। इस कारण कई गांवों के मकानों में दरार पड़ने लगी है। काफली कमेड़ा गांव में धाम सिंह पुत्र शेर सिंह का आवासीय पक्का मकान क्षतिग्रस्त हुआ। इसके अलावा चामू सिंह के निर्माणाधीन मकान में मलबा घुस गया। दो आरसीसी पुल भी बह गए। इसके अलावा ग्यानधुरा (बड़ी पन्याली) में सड़क की दीवार नहीं बनने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। इससे गांव के पांच आवासीय मकानों को खतरा उत्पन्न हो गया है। इसमें गुबर सिंह पुत्र स्व. गोपाल सिंह, लछम सिंह पुत्र स्व.बहादुर सिंह, खड़ग सिंह पुत्र स्व.बहादुर सिंह, प्रताप सिंह पुत्र स्व. बहादुर सिंह, तथा चंद्र सिंह पुत्र बहादुर सिंह के मकान में दरार पड़ने लगी है। इधर आपदा प्रबंधन अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया कि अब कपकोट में दो सड़क बंद है। उन्हें भी खोलने का काम चल रहा है।

- कुंवारी गांव में बचे आपदा प्रभावितों को मकान बनाने के लिए धनराशि प्राप्त हो गई है। कोरोना के चलते कुछ लेट हुआ है। जल्द ग्रामीण द्वारा चयनित स्थल का निरीक्षण होना है। उसके बाद धनराशि उन्हें दे दी जाएगी।

- प्रमोद कुमार, एसडीएम कपकोट।

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