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महीनों से रोखड़ बनी झील में लबालब भरा पानी

बारिश में बैजनाथ झील के गेट खुले, जो बारिश बंद होने के बाद भी खुले के खुले रहे। विभाग की लापरवाही के चलते कृत्रिम झील रोखड़ तब्तील हो...

महीनों से रोखड़ बनी झील में लबालब भरा पानी
हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरThu, 17 Oct 2019 03:37 PM
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बारिश में बैजनाथ झील के गेट खुले, जो बारिश बंद होने के बाद भी खुले के खुले रहे। विभाग की लापरवाही के चलते कृत्रिम झील रोखड़ तब्तील हो गई। समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने के बाद प्रशासन नींद से जागा और आनन-फानन में बैराज के गेटों की सफाई करवाई। अब गेट बंद होने के बाद झील अपने पुराने रूप में आ गई है। जिससे क्षेत्रवासी और सैलानियों में खुशी है। बैजनाथ धाम में 15 करोड़ की लागत से नौकायन, पर्यटन को बढ़ावा देने, सिंचाई और मत्स्य पालन के उद्देश्य से झील का निर्माण किया गया है। इस साल हुई बारिश के बाद से विभाग ने झील के गेट खुले रखे थे। जिसके चलते यहां आने वाले सैलानी उसका दीदार नहीं कर पा रहे थे। झील में पानी नहीं होने से स्थानीय लोगों में मायूसी और गुस्सा था। आपके प्रिय अखबार हिन्दुस्तान ने लोगों की इस पीड़ा को मंगलवार के अंक में प्रकाशित किया। जिसमें विभाग ने गेट की सफाई नहीं होने की बात कही थी। खबर छपने के बाद प्रशासन हरकत मे आया। बुधवार को गेटों की सफाई का काम पूरा कर उन्हें बंद कर दिया गया। जिससे झील अपने पुराने रूप में लौट आई है। स्थानीय निवासी देवेंद्र गोस्वामी, राजेंद्र गोस्वामी, दिनेश नेगी, कैलाश जोशी, पूरन रावत, आनंद नेगी, मंगल सिंह आदि ने कहा कि अब तक कई बार प्रशासन को झील के रोखड़ होने के बारे में सूचित किया गया था, लेकिन खबर छपने से पूर्व किसी ने सुध नहीं ली। उन्होंने झील में जल्द नौकायन सहित अन्य जलक्रीड़ाओं का आयोजन करने की मांग की। जिससे सैलानियों की संख्या बढ़ेगी और यहां के बेरोजगारों को भी रोजगार मिल सकेगा।

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