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लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे मजुवा-डोला के ग्रामीण

कपकोट तहसील के मजुवा-डोला गांव में आजादी के 70 साल और राज्य बनने के 19 साल बाद भी सड़क निर्माण नहीं होने से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने कोरे आश्वासन...

कपकोट तहसील के मजुवा-डोला गांव में आजादी के 70 साल और राज्य बनने के 19 साल बाद भी सड़क निर्माण नहीं होने से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने कोरे आश्वासन...
1/ 2कपकोट तहसील के मजुवा-डोला गांव में आजादी के 70 साल और राज्य बनने के 19 साल बाद भी सड़क निर्माण नहीं होने से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने कोरे आश्वासन...
कपकोट तहसील के मजुवा-डोला गांव में आजादी के 70 साल और राज्य बनने के 19 साल बाद भी सड़क निर्माण नहीं होने से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने कोरे आश्वासन...
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हिन्दुस्तान टीम,बागेश्वरMon, 18 Mar 2019 07:09 PM
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कपकोट तहसील के मजुवा-डोला गांव में आजादी के 70 साल और राज्य बनने के 19 साल बाद भी सड़क निर्माण नहीं होने से लोगों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा कि शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने कोरे आश्वासन देकर सिर्फ ठगने का काम किया है। इस दौरान उन्होंने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया है। साथ ही 25 मार्च को डीएम कार्यालय में प्रस्तावित धरना स्थगित करते हुए वोट नहीं डालने का निर्णय लिया है।

सोमवार को मजुवा फार्मा डोला मोटर मार्ग संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्रामीणों जिलाधिकारी रंजना राजगुरु को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी आज तक उनका गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है। इसके चलते गांव विकास की दौड़ में पूरी तरह से पिछड़ गया है। सबसे अधिक परेशानी रोगियों को मुख्य मार्ग तक लाने में होती है। उन्हें डोली में रखकर कई मील पैदल रास्ता नापकर सड़क तक ले जाना पड़ता हैं। रोजगार और उच्च शिक्षा के लिए अधिकांश लोग गांव से पलायन कर चुके है। अब गांवों में बुजुर्ग ही रहते हैं। इससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि सड़क नहीं तो वोट नहीं। कहा कि 25 मार्च को उनका जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम था। आचार संहिता के चलते अब उन्होंने इसे स्थगित कर दिया है। अब वे 11 अप्रैल को मतदान का बहिष्कार करेंगे। कहा कि गांव में 175 वोटर हैं। वे हर बार चुनाव में बढ़चढ़ कर मतदान करते आए हैं। इसके बाद भी उनका गांव आज तक सड़क से नहीं जुड़ सका है। यहां खीम सिंह बिष्ट, ग्राम प्रधान हंसी दानू, नैन सिंह दानू आदि रहे।

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