बागेश्वर में जल्द कश्मीर का अखरोट मिलेगा
जिले में अखरोट की बागवानी बढ़ाने के लिए वन प्रभाग ने कमर कस ली है। यदि उनकी यह पहल रंग लाई तो जल्द बागेश्वर के लोगों को कश्मीर के अखरोट का स्वाद चखने को मिलेगा। प्रभाग ने छह ग्राम पंचायत के किसानों...
जिले में अखरोट की बागवानी बढ़ाने के लिए वन प्रभाग ने कमर कस ली है। यदि उनकी यह पहल रंग लाई तो जल्द बागेश्वर के लोगों को कश्मीर के अखरोट का स्वाद चखने को मिलेगा। प्रभाग ने छह ग्राम पंचायत के किसानों को 500 अखरोट के पेड़ बांटे हैं। इसके अलावा काश्तकारों को पौधरोपण का प्रशिक्षण भी दिया।
गुरुवार को बागेश्वर के वन प्रभाग ने उत्तराखंड वन संसाधन प्रबंधन परियोजना (जायका) के तहत अमोली, बोहाला, देवतोली, रमाड़ी और बड़ी पन्याली के 81 किसानों को सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ टेंपरेट हार्टिकल्चर श्रीनगर कश्मीर से उन्नत किस्म के अखरोट के 500 पेड़ उपलब्ध कराए। विभाग के अनुसार यह प्रजाति का अखरोट तीन साल में ही फल देने लगता है। एक पेड़ से हर साल 15 से 20 किलो का उत्पादन किया जा सकता है। एसडीओ बलवंत सिंह शाही ने कहा कि जिन क्षेत्र के लिए ये पौधे दिए गए हैं, वहां की आबोहवा अखरोट उत्पादन के लिए मुफीद है। इस बात को किसानों को भलीभांति समझना होगा। इससे उनकी आर्थिकी मजबूत होगी। उन्होंने किसानों से पेड़ों की सही से देखरेख करने की अपील की। यहां मार्केटिंग स्पेशियलिस्ट गोपाल सिंह बिष्ट, अर्जुन सिंह दानू आदि मौजूद रहे।